गाजीपुर। जी हां, आखिरकार राधेश्याम राय का 40 सालों से चल रहा अथक प्रयास रंग लाया. अमूमन पर्दे के पीछे रहकर अभियान की कमान संभालने वाले श्री राय ने आखिकार विरोधियों को चित कर ही दिया. हिंद केसरी स्वर्गीय मंगला राय पर आधारित मल्ल शिरोमणि शीर्षक आलेख विकिपीडिया पर अनुमोदित हो गया है. अब आभासी दुनिया के लिए सहज सुलभ होंगे पूर्वांचल के गौरव मंगला राय. इस उपलब्धि का श्रेय जाता है मंगला राय जन्म शताब्दी आयोजन समिति को. मालूम हो कि गाजीपुर में 11 से 13 नवम्बर तक राष्ट्रीय स्तर का आयोजन यही समिति करने जा रही है.
हिंदी पट्टी के साथ सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि इन प्रदेशों के लोग अपने नायकों के लिए उस हद तक नहीं लड़ पाते, जो जज्बा गैर हिंदी प्रदेशों विशेष तौर पर बंगाल, महाराष्ट्र सरीखे राज्यों के वासी अमूमन इस मामले में किसी भी हद तक जाने को तैयार रहते हैं. यूपी सरकार और भारत सरकार भी इस प्रकरण में कुछ खास नहीं कर पाईं. खैर अब मल्ल शिरोमणि पूर्वांचल के गौरव मंगला राय इंटरनेट के जरिए पूरी दुनिया के लिए आज से उपलब्ध हो गए हैं. गूगल सर्च के सहारे भी अब आप हिन्द केशरी मंगला राय के बारे में जान सकते हैं. आने वाली पिढ़ियां भी हिन्द केशरी के बारे में जान सकेंगी. दशहरा के इस पवन अवसर पर यह विजय शुभ संकेत का द्योतक है.
इससे पहले लाल जी राय ने इस आयोजन को कुश्ती संघ से मान्यता दिलवा कर उत्तर प्रदेश में 45 बर्ष के बाद होने वाले इस राष्ट्रीय आयोजन को गौरव दिलाया. इस सफलता के लिए आयोजन समिति के अध्यक्ष लालजी राय, रजनीकांत राय, वीरभद्र राय, गौरव राय, सिद्धार्थ राय (अध्यक्ष, उम्मीद फाउण्डेशन) समेत पूरी आयोजन समिति इलाके में वाहवाही की जा रही है.