
अपने आराध्य नारायण की सेवा के लिए महादेव ने 11 वें रूद्र हनुमान जी का लिया अवतार- स्वामी खीमानंद शास्त्री
क्षेत्र के सवरूबांध गांव में चल रहे शिव महापुराण का नवम दिवस
दुबहर, बलिया. क्षेत्र के संवरूबांध गांव में श्रीनिवास ओझा के आवास पर चल रहे शिव महापुराण कथा के नवम दिवस शनिवार को देहरादून उत्तराखंड से पधारे आचार्य सीमानंद शास्त्री ने महादेव के एकादश अवतार का विस्तार से वर्णन किया. स्वामी खीमानंद शास्त्री ने कहा कि जब भगवान भोलेनाथ शंकर को अपने आराध्य देव नारायण की सेवा करने की इच्छा मन में हुई तो उन्होंने ग्यारहवें रुद्र हनुमान के रूप में अवतार लिया.
श्री हनुमान के रूप में भोले शिव शंकर ने प्रभु श्रीराम का आजीवन सेवा किया. उन्होंने हनुमान जी के रूप में भगवान शंकर के विभिन्न स्थानों और विभिन्न अवसरों पर प्रभु रामचंद्र की सेवा का विस्तार से वर्णन किया. इस तारतम्य में उन्होंने कई कहानियां श्रोताओं को सुनाया. इस बीच कई भजन गाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.
श्रोताओं ने ताली बजाकर भजन का आनंद उठाया.आचार्य खीमानंद शास्त्री ने कहा कि जिस प्रकार से श्रावण महीने में भगवान शिव का स्मरण करके और उनकी नाना प्रकार से आराधना करते हैं ठीक उसी प्रकार भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस पवित्र माह में अपने शरीर के अंदर विराजमान काम, क्रोध, मद, लोभ आदि दुर्गुणों का परित्याग कर देना चाहिए. इससे अपने भक्तों पर भगवान शिव शंकर की कृपा होती है. स्वामी खीमानंद ने मुख्य यजमान श्रीनिवास ओझा एवं श्रीमती कलावती देवी का उदाहरण देते हुए कहा कि आप वाही एवं अंतर रूप से भगवान भोलेनाथ को आराध्य मानकर उनके ही हो गए हैं. आचार्य शास्त्री जी ने बताया कि सोमवार को शिव महापुराण की पूर्णाहुति होगी और मंगलवार को दोपहर 1:00 बजे से भंडारा होगा.
This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE
उन्होंने महापुराण कथा के अंतिम प्रसंगो की कथा सुनने की क्षेत्रीय जनों से आग्रह किया. कहा कि पुरुषोत्तम मास और श्रावण माह के संयोग से बने दुर्लभ संयोग का लाभ सभी क्षेत्रीय जनों को अवश्य उठाना चाहिए. कथा के अंत में भगवान शिव शंकर की सामूहिक आरती हुई और सभी को प्रसाद का वितरण किया गया . इस महापुराण कथा के आयोजन में स्वामी खीमानंद शास्त्री के साथ देहरादून से आए आचार्य संजय जोशी, आचार्य महेश उपाध्याय, आचार्य विनोद पाठक आदि सहयोगी संगीतमय शिव महापुराण कथा में सहयोग कर रहे हैं.
शिव भक्तों ने बताया कि शिव महापुराण की कथा क्षेत्र में पहली बार हो रही है.