लूटी गईं तीन मूर्तियां तो लावारिस मिलीं, लक्ष्मण जी कहां चले गए

बलिया/गाजीपुर। बलिया जिले के अंतिम छोर पर बसे कोरण्टाडीह डाकबंगले के पास बगीचे में शनिवार की सुबह राम जानकी आैर हनुमान जी की तीन मूर्तियां मिली हैं. लोगों से जानकारी मिलने के तुरन्त बाद चाैकी इंचार्ज कोरण्टाडीह उमाशंकर त्रिपाठी ने माैके पर पहुंचकर मूर्ति को अपने कब्जे में ले लिया. घटना के तुरन्त बाद वायरलेस सेट पर सबको जानकारी दी गयी. इसे भी पढ़ें – वाह री पुलिस : ‘रामजी-सीताजी’ लापता, ‘लक्ष्मणजी’ पुलिस के मालखाने में

बलिया प्रतिनिधि के मुताबिक मूर्तियों की पहचान पड़ोसी गाजीपुर जनपद के भावरकोल थानान्तर्गत माढ़ूपुर गाँव के मठिया के तौर पर की गयी है. जहां बीते 18 जुलाई की रात पुजारी को मारपीट कर लूट की गयी थी. उस प्रकरण में घायल पुजारी विजय राघव दास का वाराणसी ट्रामा सेंटर में  इलाज के दौरान 23 तारीख को मौत हो गयी. मूर्तियां अष्टधातु धातु की बतायी जा रही है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार मूर्ति बरामदगी की खबर मिलने के बाद बगल में गाजीपुर जिले के भावरकोल थाने के थानाध्यक्ष कोरटांडीह चाैकी पर पहुंचे. उन्होंने बताया कि उनके क्षेत्र के माढूपुर गांव में मठिया पर इसी माह के 18 तारीख की रात को कुछ बदमाशों ने पुजारी को घायल करके मूर्ति लूट ली थी. घायल पुजारी विजय राघव दास का इलाज वाराणसी ट्रांमा सेंटर में चल रहा था. जिसमें इलाज के दाैरान 23 को उनकी माैत हो गयी. चाैकी पर भावरकोल थानाध्यक्ष के साथ मंदिर के पुजारी आैर गांव के अन्य लोग भी पहुंचे थे. जिन्होंने मूर्ति की पहचान की. पहचान होने के बाद चाैकी इंचार्ज ने तीनों मूर्तियों को सुपुर्द कर दिया. अपराधियों ने पुलिस के भय से खुद को बचाने के लिये बार्डर पर मूर्ति को फेंका था. ऐसी चर्चा थी.

गाजीपुर प्रतिनिधि के मुताबिक भांवरकोल थानान्तर्गत माढ़ुपुर (कुंडेसर) के राम-जानकी मंदिर से लूटी गईं मूर्तियों में से तीन मूर्तियां लावारिस अवस्था में पायी गयी हैं, जबकि लक्ष्मण जी की मूर्ति का अभी तक पता नहीं है. तीनों मूर्तियां सीमावर्ती जिला बलिया के कोरंटाडीह डाक बंगले के सामने बगीचे में कपड़े में लिपटी लावारिस पड़ी थीं. भांवरकोल थानाध्यक्ष बालमुकुंद मिश्र को इसकी जानकारी बलिया के नरहीं पुलिस ने शनिवार को दी. उसके बाद थानाध्यक्ष आनन फानन में मौके पर पहुंचे और मूर्तियों को अपने साथ ले आए. इसे भी पढ़ें – शासन प्रशासन ने नहीं सुना तो उठा लिया अब भीख का कटोरा

कुंडेसर के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि महेंद्र राय तथा माढ़ूपुर के पूर्व प्रधान गोविंद मालवीय सहित मंदिर से जुड़े रहे मौनी बाबा ने उन मूर्तियों की पहचान की. हालांकि लूट की घटना के बाद मंदिर में नियमित दर्शन-पूजन करने वालों ने बताया था कि राम-जानकी व हनुमान की मूर्तियां अष्टधातु की थी, जबकि लक्ष्मण की मूर्ति चांदी की थीं, लेकिन लवारिस मिलीं मूर्तियां किसी ठोस धातु की हैं और उनका रंग सुनहला है. ज्ञात हो कि बीते 18 जुलाई की रात मूर्ति चोर गैंग ने पुजारी बाबा राघवदास पर हमला कर मंदिर में रखी चार मूर्तियां लेकर चलते बने थे. हमले में गंभीर रूप से घायल पुजारी इलाज के दौरान बीएचयू ट्रामा सेंटर में बीते 24 जुलाई को दम तोड़ दिए थे. उनका शव मंदिर में लाया गया था. उसके बाद ग्रामीण गंगा प्रवाह करने से शव को रोक दिए थे. इसे भी पढ़ें – लुटेरों के हमले में गाजीपुर में घायल महंत ने वाराणसी में दम तोड़ा, इलाहाबाद ले जाया जाएगा शव

उनका कहना था कि मृत पुजारी के परिवारीजनों को आर्थिक मदद मिले. मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था हो. घटना में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी हो. ग्रामीणों की जिद पर जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री तथा पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा मौके पर पहुंचे थे. उनके आश्वासन पर ग्रामीण पुजारी के शव को गंगा प्रवाह के लिए तैयार हुए थे. इसे भी पढ़ें – 

अब जबकि मंदिर की लूटी गई तीन मूर्तियां लावारिस मिल गई हैं. इसको लेकर कयास लगाया जा रहा है कि लुटेरे मूर्तियों का परीक्षण कराए होंगे. जब यह साफ साफ हो गया होगा कि मूर्तियां अष्टधातु की नहीं हैं, तब वह उसे बगीचे में फेंक दिए होंगे. लक्ष्मण की चांदी की कीमती मूर्ति होने से उसे सहेज लिए होंगे. घटनास्थल से कुछ किलोमीटर दूर मूर्तियों के मिलने से यह भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि वारदात में आसपास के ही अपराधी शामिल रहे हैं. इससे पुलिस को उन तक शीघ्र पहुंचने की गुंजाइश बन सकती है. इसे भी पढ़ें – 

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