बसंतपुर के लाल का तिरंगे में लिपटा पार्थिव शरीर पहुंचा जब गांव


सुखपुरा (बलिया) से पंकज सिंह

शहीद सत्यदेव मिश्र का शव बुधवार को तड़के करीब चार बजे बसन्तपुर लाया गया. तिरंगे में लिपटे शव को लेकर दर्जन भर सैनिक भी पहुंचे. सुबह शव यात्रा में सैकड़ों की संख्या में लोग भागीदारी किए. शहीद स्मारक के पास राष्ट्र गान भी गाया गया. उनका परिवार अब बहादुरपुर में रहता है. इसलिए बसंतपुर से शव बहादुरपुर ले जाया गया. वहीं पर एक उपनिरीक्षक व दो होमगार्डों ने उन्हें गार्ड आफ आनर दिया. इस बात से शव यात्रा में चल रहे लोग नाराज हो गए.

टीडी चौराहा पर छात्र नेता यशजीत सिंह, मनीष सिंह, मुन्ना बहादुर सिंह, छात्र नेता अमित सिंह, उपेंद्र सिंह, विजयप्रताप सिंह, डॉ. राकेश सिंह, विजयानंद पाण्डेय, गुड्डु पाण्डेय, प्रतीश पाण्डेय, विशाल सहित सैकड़ों लोगों ने जाम लगा दिया. इसके बाद एसडीएम, सीओ और अन्य पुलिस कर्मी शव यात्रियों के साथ गंगा घाट पहुंचे. वहां उन्हें गार्ड आफ आनर दिया गया.

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जम्मू कश्मीर के राजौरी सेक्टर में तैनात बसंतपुर निवासी हवलदार सत्यदेव मिश्र ड्यूटी के दौरान सोमवार को शहीद हो गए थे. बुधवार की सुबह उनका शव उनके पैतृक आवास ले जाया गया. सुखपुरा थाना क्षेत्र के बसंतपुर के मिश्र के पूरा के निवासी सत्यदेव मिश्र (47) पुत्र स्वर्गीय जवाहर मिश्र थल सेना के 872 लाइट रेजिमेंट में हवलदार के पद पर कार्यरत थे. उनकी ड्यूटी रजौरी सेक्टर में लगी थी, जहां ड्यूटी के दौरान वह शहीद हो गए. शहीद के शव आते ही उनके गांव बसंतपुर मे शोक की लहर व्याप्त हो गई. उनके दरवाजे पर शोकाकुल लोगों की भीड़ लगी रही. लोग उनके परिजनों को ढांढ़स बधाने के साथ भविष्य को लेकर चिंतित थे. शहीद सत्यदेव मिश्र के बड़े भाई सूबेदार जयप्रकाश मिश्र सेना से ही अवकाश ग्रहण का घर पर हैं. जबकि एक अन्य भाई हवलदार कमलेश मिश्र मिसाइल रेजीमेंट ओडिशा में तैनात हैं. शहीद जवान अपने पीछे अपनी पत्नी शशि कला मिश्र (43), एक पुत्री भाग्यलक्ष्मी (17) और पुत्र आदित्य (16साल) को छोड़ गए हैं. शहीद अपने परिवार के साथ बलिया शहर के बहादुरपुर मोहल्ले में रहते थे.

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