बलिया लाइव ब्यूरो
बलिया। साक्षर भारत योजना के तहत कार्यरत शिक्षा प्रेरकों ने अपने दो वर्ष के बकाया मानदेय को लेकर संघर्ष की रणनीति तैयार की है. सोमवार को हुई बैठक में सरकारी विभागों चेतावनी दी गई है कि यदि साक्षरता पर विकास परीक्षा से पहले उनके समस्त मानदेय का भुगतान नहीं कर दिया जाता है तो वह 21 अगस्त को होने वाली साक्षरता परीक्षा एवं मूल्यांकन का बहिष्कार कर सकते हैं.
बकाया मानदेय का भुगतान न होने से संकट गहराया
प्रेरकों का कहना है कि अन्य विकास कार्यों तथा कर्मचारियों को मोटी रकम देने के लिए सरकार के पैसा है. सिर्फ प्रेरकों के मानदेय देते वक्त सरकारी खजाना खाली है. केवल साक्षरता परीक्षा बहिष्कार तक ही सीमीत नहीं रहेगा प्रेरकों का यह अभियान. उन्होंने विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ दल के खिलाफ मतदान करने का भी फैसला किया है. साथ ही वे आम लोगों से भी ऐसा करने की अपील करेंगे. बैठक को प्रेरक संघ के अध्यक्ष अजीत पाठक, अख्तर अली, लक्ष्मी, राजकुमार यादव, जितेंद्र यादव, मंसूर आलम, आरती ठाकुर, आशुतोष सिंह, गणेश यादव, विजय लक्ष्मी, पूनम यादव, निर्मल पांडेय, यशवंत सिंह, मुकेश गिरी, श्वेता चौरसिया, सुनीता वर्मा, मनीष चौबे, नीलम चौबे, पुष्पा यादव आदि ने संबोधित किया.