निजाम बदला इकबाल पुराना

सुप्रीम कोर्ट का निर्देश ठेकेदारों के ठेंगे पर

पुलिसिया परमिट से प्रतिबंधित क्षेत्र में चल रही शराब की दुकानें

बैरिया (बलिया)। यूं तो स्थानीय थाना क्षेत्र में अवैध शराब कारोबारी अपनी जड़ जमा चुके हैं. पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी के समय से ही पुलिस शराब के अवैध कारोबार को बंद कराने के लिए तमाम कोशिशें कर रही हैं. कई जगह भट्ठियां तोड़ी गईं. गिरफ्तारियां हुईं. शराब बनाने के उपकरण और कच्ची सामग्री नष्ट किए गए, फिर भी यह धंधा इलाके में जारी है. इस रोकथाम मे पुलिस को आंशिक सफलता ही मिल पायी है.

इधर प्रदेश सरकार के बदलने के बाद काफी बदलाव की उम्मीदें कि जा रही थी. 1 अप्रैल से सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी निर्देश का पालन होगा, ऐसा कयास लगाया जा रहा था, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. बैरिया में हाईवे से महज 50 से साठ मीटर मीटर की दूरी पर सरकारी देसी शराब की दुकान पहली अप्रैल को भी चली और 2 अप्रैल को समाचार भेजे जाने तक अपने जगह पर खुली हुई है. यही हालात बीयर और अंग्रेजी शराब की दुकान का भी है. जबकि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश 1 अप्रैल से ही प्रभावी होना था. दूसरी ओर लगभग 20 हजार आबादी के बीच में स्थित रानीगंज बाजार में भागड नाला पुल के पास ठेके की दुकान से अंग्रेजी और देसी दोनों तरह की शराब की बिक्री हो रही है.

रानीगंज बाजार के ठेके की दुकान से महज 40 मीटर उत्तर बाजार का सबसे पुराना विशाल शिवालय है, जिसके अंदर हनुमानजी, वैष्णो देवी, दुर्गा माता और भगवान शिव का मंदिर है. यहां बाजार के तथा आसपास के इलाके के लोग भी पूजन-अर्चन करने आते हैं और तो और ठेके की दुकान के मात्र 5 मीटर उत्तर में प्रसिद्ध संत की समाधि है. जहां पूजन-अर्चन होता है और इसी ठेके की दुकान से 20 मीटर दक्षिण भागड नाला पुल पर इलाके के सुप्रसिद्ध संत सुदिष्ट बाबा का चिमटा स्थापित है. यह चिमटा क्षेत्र के लोगों मैं आस्था और बाढ़ की प्रचंडता का मापदंड माना जाता है.

रानीगंज बाजार के लोगों ने कई बार यहां से सरकारी शराब की दुकान बंद करा कर कहीं दूसरी जगह ले जाने की अधिकारियों के यहां गुहार लगाई, लेकिन किसी की कही भी नहीं सुनी गई. अब जबकि स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने इन बातों को संज्ञान में लेते हुए पूरे देश के लिए शराब की दुकानों से संबंधित एक निर्देश जारी कर दिया. उसके बाद भी इन दुकानों को इधर से उधर हटाने का पुलिस या जिला प्रशासन के तरफ से कोई भी हरकत सामने अब तक नहीं आई है.

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