लगातार बन्द रह रहे तहसील के दफ्तर व न्यायालय से बढी जनता की दिक्कत
बैरिया(बलिया)। तहसील के न्यायालय व तमाम दफ्तरों में 15 दिनों से ताला लटक रहा है. तमाम जरूरी कार्यों से लोग रोज आकर निराश वापस लौट रहे हैं. खास कर इलाके के खेत खाली पड़े है. जिनकी पैमाइश व तमाम आदेश इन्ही दिनों मे तो लिए जाते हैं. लेकिन तहसील पर ताला लगा है.
वजह भाजपा विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह के भतीजा अधिवक्ता चन्द्र भूषण सिंह व कानूनगो के बीच एक व्यक्ति के पैमाइश के मामले को लेकर हाथापाई हो गई थी. जिसमें विधायक के भतीजा का आरोप था कि आदेश के बावजूद कई सप्ताह से रिश्वत के लिए पैमाइश टाली जा रही है. बाद मे कानूनगो का कहना था कि आबादी में पैमाइश नही हो सकती.
सवाल उठता है कि जब आबादी मे पैमाइश नही हो सकती तो फिर आदेश कैसे हुआ? जनता झेल रही है, आदेश देने वाले पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई.
दोनो लोगो के बीच मार पीट हुई. बैरिया थाने मे दोनो पक्ष से तहरीर पड़ी. कानूनगो की तहरीर पर विधायक के अधिवक्ता भतीजा पर मुकदमा कायम हुआ. विधायक के भतीजा की तहरीर पुलिस के खामोश बस्ते में डाल दी गई. इसके बाद भी घटना के दूसरे दिन से बैरिया तहसील पर लेखपाल व कर्मचारी संघ तालाबंदी कर तहसील नही आ रहे है. यहां तक कि तहसील की ट्रेजरी छोड़ सब कार्यालय बन्द हैं. हद तो यह है कि तहसीलदार व एसडीएम भी तहसील में कभी कभार ही दिखते है.
लेखपाल व कर्मचारी संगठन की मांग विधायक के अधिवक्ता भतीजा के गिरफ्तारी की है
रोज तहसील पर आ रहे मुवक्किलों के ताना सुनते सुनते नराज सेंट्रल बार तहसील अधिवक्ता संघ ने मंगलवार को तहसील के चैनल गेट पर ताला जड़ दिया, और खुद धरने पर बैठ गए. तहसील प्रशासन व पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे भी लगाए गए. इस दौरान ट्रेजरी आफिस के कैशियर संजीव कुमार,अनुसेवक ओमप्रकाश मिश्र, पूर्ति बाबू बच्चा सिंह व रजिस्ट्री विभाग के कर्मचारी करीब एक घण्टे तक चैनल गेट के अंदर बन्द रहे. कुछ अधिवक्ताओं के कहने से एक घण्टे बाद कर्मचारियों को चैनल गेट से बाहर निकाल कर चैनल गेट पर ताला जड़ दिया गया.
अधिवक्ताओं का कहना है कि कानूनगों अनिल कुमार श्रीवास्तव ने कतिपय कारणों से विधायक बैरिया सुरेन्द्र सिंह के भतीजा अधिवक्ता चंद्रभूषण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया गया है. इसके बाद भी सभी कानूनगों, लेखपालों द्वारा हड़ताल जारी रखा गया है. साथ ही सम्बन्धित न्यायालयों में ताला बन्दी कर जबरिया बलपूर्वक व विधि विरुद्ध तरीके से कामकाज ठप कर दिया गया है. अधिवक्ताओं का कहना था कि न्यायालय बन्द होने से वादकारी व आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है.
सेंट्रल बार के अधिवक्ताओं ने सर्व सम्मति से प्रस्ताव पास किया है कि यदि जल्द सभी न्यायालयों का ताला नहीं खोला गया व वादकारी हित इसी तरह प्रभावित होता रहा, तो बाध्य होकर तहसील के अधिवक्ता क्रमशः क्रमिक व आमरण अनशन करने के साथ ही अन्य विधिक कार्यवाही करने पर बाध्य होंगे.
उक्त मौके पर सेंट्रल बार के अध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह, रमेश सिंह, चंद्रभूषण सिंह, श्यामबिहारी उपाध्याय, गौरीशंकर पाण्डेय,ओमकार पाण्डेय, रामप्रकाश सिंह, कृष्णानन्द सिंह, उमेश सिंह, संजय सिंह आदि उपस्थित रहे.