

बांसडीह (बलिया)। भारतीय जनता पार्टी की पूर्व प्रत्याशी केतकी सिंह ने आखिरकार बगावत कर ही दी. उन्होंने बांसडीह विधानसभा सीट से बतौर निर्दल चुनाव लड़ने का घोषणा की है. “सभी दलों में दलदल है, सबसे अच्छा निर्दल है.” इसी नारे को चरितार्थ करते हुए केतकी सिंह ने अपने मैरिटार स्थित आवास पर अपने कार्यकर्ताओं व मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा ने मेरे साथ धोखा किया है. मैं कार्यकर्ताओं का मान सम्मान रखने के लिए बांसडीह विधानसभा सीट से निर्दल प्रत्याशी के रूप में चुनाव लडूंगी.
केतकी सिंह बोलीं, हर एक कार्यकर्ता अपने को केतकी सिंह मानकर चुनाव मैदान में उतर जाए और इसका खामियाजा भारतीय जनता पार्टी को पूरे बलिया जनपद में भुगतना पड़ेगा. मैं उस समय भाजपा में आई थी, जब यहां के नेता दुबके पड़े थे. हमारे आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में जान आई. मेरे जैसे कार्यकर्ता का भाजपा ने टिकट काट दिया. इसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा. भाजपा के लोगों को अपने कार्यकर्ताओं का मान सम्मान करने नहीं आता. वह जब अपने कार्यकर्ताओं का मान सम्मान नहीं रखती, तो जनता का मान व सम्मान क्या रखेगी? भाजपा लोगों के साथ विश्वासघात करती है, जिस व्यक्ति को चुनाव लड़ने के लिए बांसडीह में भेजा है, वह कभी बांसडीह का मान-सम्मान नहीं रख पाएगा.

उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा आपने मेरा टिकट काट कर अच्छा नहीं किया, आपका यह गलत निर्णय आपको अर्श से फर्श पर पहुंचा देगा. मेरा निर्णय हो चुका है, चाहे भावना में चाहे प्रतिशोध में मुझे चुनाव लड़ना है. मुझे बांसडीह को छोड़ने के लिए कई प्रकार के प्रलोभन दिए गए. मुझे कहा गया सिकंदरपुर से लड़ जाओ, बैरिया से लड़ जाओ, लेकिन मेरी पहचान बांसडीह से है. पूर्वांचल अगर केतकी सिंह को जानता है तो वह बांसडीह की वजह से जानता है.
कार्यकर्ता बैठक में भारतीय जनता पार्टी के सेक्टर प्रभारी, मंडल अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्रियों ने भाग लिया. जिसमें राजेश सिंह, सुधांशु गुप्ता, शारदा नंद साहनी, विजय सिंह, अनिल पांडेय, बसंत सिंह, जोगेंद्र सिंह, दुर्गेश मिश्रा, भिखारी यादव, संतलाल चौरसिया, शंभू राजभर, सुरेश राजभर, उमेश सिंह, पारसनाथ तिवारी, भोला ओझा, राजू दुबे, सुनील पांडेय, अशोक सिंह आदि उपस्थित रहे.