सुखपुरा(बलिया)। लोकबंधु राजनारायण जीवन पर्यन्त व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्ष करते रहे. मनोनुकूल व्यवस्था बनाने के लिए खुद की बनाई व्यवस्था को भी तोड़ने में उन्हें कोई गुरेज नहीं हुआ. राजनारायण को भारतीय राजनीति का कबीर कहा जाए तो भी कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी. यह बातें अभिषेक ब्रह्मचारी ने कही. वह समीपवर्ती ग्राम भलुही में लोकबंधु राजनारायण के स्मृति दिवस की पूर्व संध्या पर रविवार को आयोजित क्षेत्र के भलुही गाँव मे एक गोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे. कहा कि डॉक्टर लोहिया की तरह ही राज नारायण जी सत्ता,संतति और संपत्ति से कभी प्रभावित नहीं हुए. इसके पूर्व मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति आद्या प्रसाद पान्डेय, स्वामी अभिषेक बह्मचारी जी व युवा चेतना के अध्यक्ष रोहित कुमार सिंह ने संयुक्त रुप दीप प्रज्वलित कर लोक बन्धु राज नरायण के चित्र पर पुष्प अर्पित कर समारोह का उडघाटन किया. इस मौके पर केंद्रीय विश्वविद्यालय मणिपुर के कुलपति आद्या प्रसाद पांडेय ने कहा कि राजनारायण ऐसे व्यक्ति थे जो लोहिया जी के सिद्धांतों को मूर्त रूप दिया. यही नहीं उन्होंने राजनीतिक संघर्ष को वैचारिक स्तर पर धारदार भी बनाया. इसी विचार एवं व्यवहार से कार्यकर्ताओं को भी आजीवन जोड़े रखा. युवा चेतना के राष्ट्रीय संयोजक रोहित कुमार सिंह ने कहा कि राज नारायण जी अपने जीवन के लगभग 17 साल उन्होंने विभिन्न जेलों में बिताया. वे जन आंदोलन के जीवित रुप थे. वे अपने पथ के अकेले पथिक थे. एक पैर जेल में एक पैर रेल में यही उनकी जीवनशैली थी. उनके विचारों,आदर्शों को आत्मसात कर ही हम भविष्य के भारत का निर्माण कर सकते हैं. समारोह को पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष श्याम बहादुर सिंह, जिला पंचायत सदस्य अरविंद सिंह, तेज प्रताप सिंह, बब्बन सिंह बेबस, शिवजी पांडेय आदि ने संबोधित किया. इस मौके पर राजनारायण सिंह, बृज नाथ सिहं, अनिल तिवारी, अभिराम त्रिपाठी, प्रभात सिंह, अंकित कुमार सिंह, राम जी सिह, गामा सिह, गजराज सिह, राजेश सिंह, विनोद सिंह, अजय यादव, आशिष सिंह आदि मौजूद रहे. पूर्व प्रधान व प्रधान प्रतिनिधि हृदय नारायण सिंह ने समस्त आगंतुको का स्वागत किया. समारोह की अध्यक्षता पूर्व ब्लाक प्रमुख जवाहर सिंह व संचालन अवध कुमार पाठक ने किया. तेज प्रताप सिंह मंटू ने आभार व्यक्त किया.