​आपसी सुलह समझौते से मिला न्याय सबसे बेहतर

द्विमासिक लोक अदालत में कुल 3380 वादों का हुआ निस्तारण, 63 लाख 63 हजार 28 रूपये की हुई वसूली  

बलिया। आपसी विवादों को सुलह समझौते से ही हल निकाल लिया जाए, इसी उद्देश्य से दीवानी न्यायालय में द्विमासिक लोक अदालत का आयोजन जिला जज मु. असलम की अध्यक्षता में हुआ. इसमें न्यायिक अधिकारियों, समस्त बैंक प्रबंधकों व राजस्व विभाग के अधिकारियों ने मिलकर कुल 3380 वादों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर कराया.
जिला जज ने कहा कि सुलह समझौते के मामले का निपटारा हो जाए तो इससे बेहतर न्याय कुछ हो ही नही सकता. अधिक से अधिक मामलों को निपटाकर ऐसी लोक अदालतों के आयोजनों का लाभ लें. जिलाधिकारी ने कहा कि लोक अदालत से एक तरफ जहां अदालतों का बोझ कम होता है, वहीं दूसरी तरफ दोनों पक्षों को उनके मन माफिक न्याय मिल जाता है. यह बहुत ही संतोषजनक स्थिति होती है.

द्विमासिक लोक अदालत में निस्तारित हुए 3380 मामले

द्विमासिक लोक अदालत में कुल 3380 वादों का निस्तारण आपसी सुलह समझौते के आधार पर कराया गया और 63 लाख 63 हजार 28 रूपये की वसूली हुई. इसमें विभिन्न न्यायिक अधिकारियों द्वारा लगाया गया 4 लाख 51 हजार 840 रूपये का अर्थदण्ड भी शामिल है. निस्तारित वादों में फौजदारी के 605 मामले, राजस्व वादों के 313 मामले, चकबंदी के 217, बैंक के प्री-लिटिगेशन 206 वाद का निस्तारण व 56 लाख 78 हजार 487 रूपये की नकद वसूली व टेलीफोन विभाग द्वारा 92 वादों का निस्तारण करते हुए 2 लाख 32 हजार 701 रूपये की नकद वसूली की गयी. न्यायालय के अधिकारियों ने मिलकर 1947 मामलों का निपटारा आपसी सुलह समझौते से कराया और 4 लाख 51 हजार 840 रूपये अर्थदण्ड लगाये.

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