आंदोलन मिलकर नहीं लड़ा गया तो एक बार फिर पहाड़ी जनजातियों व मधेशियों के बीच छिड़ जायेगी जंग
काठमांडू (नेपाल) से अरुण वर्मा
अपने अधिकारों को पाने के लिए जिस प्रकार से मधेशी समुदाय के लोग आंदोलन की राह पर हैं, उन्हें पहाड़ के जनजातियों को भी साथ लेकर आवाज उठानी होगी अन्यथा इन दोनों वर्गों का शोषण करते आये लोग एक बार फिर मधेशी समुदाय व पहाड़ी जनजातियों के बीच जंग करवाने से नहीं चूकेंगे. उक्त बातें पूर्व सांसद व नया शक्ति पार्टी नेपाल के केन्द्रीय सदस्य चिनक कुर्मी ने प्रेस वार्ता के दौरान परासी मुख्यालय पर कही.
अधिकार के लिए आंदोलन की राह पर चल रहे नेपाल में एक संकट उभरता नहीं कि दूसरे की तस्वीर सामने आती हुई दिख जाती है. दिन शनिवार की शाम परासी मुख्यालय पर पूर्व सांसद व नया शक्ति नेपाल पार्टी के केंद्रीय सदस्य चिनक कुर्मी ने आशंका जताते हुए कहां कि कुछ पार्टियों को आम लोगों के शोषण करने में ही दिलचस्पी होती है, ऐसे में हमें सजग हो अपने आन्दोलन को आगे बढ़ाना चाहिए. नेपाल में मधेशी समुदाय के साथ साथ दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में अपना जीवन यापन कर रहे जनजातीय वर्ग के लोगों का भी शोषण हो रहा है. ऐसे में मधेशी समुदाय व जनजातीय पहाड़ी लोगों को साथ मिलकर अपने हक़ की लड़ाई लड़नी चाहिये, जिससे कि दोनों वर्गों के लोगो को न्याय मिल सके. अन्यथा शोषण करने वाले लोग इसी ताक में बैठे है कि ज्योही मधेशी समुदाय के लोगों की मांग पूरी होती है, एक नई समस्या खड़ी करा मधेशी व जनजातीय पहाड़ी लोगों के बीच मतभेद पैदा करा संघर्ष करा दिया जाए. इसलिए अपनी लड़ाई के लिए सोच समझ कर आगे बढ़ाना होगा अन्यथा हमारी एकता प्रभावित होगी. जिसका कुछ लोग फायदा उठा सकते हैं.