
चीख चीख कर द्वाबा की सड़कें दिखा रहीं विकास का सच
85 फीसदी सड़कें चलने लायक नहीं
भाषण व बयानों में ही गूंज रहा विकास का गान
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बैरिया(बलिया)। विधान सभा क्षेत्र के सड़कों का बुरा हाल है. हाल यही रहा तो गड्ढा में सड़क खोजना पड़ सकता है. प्रदेश की कमान संभालते ही सीएम योगी ने 90 दिन के अन्दर प्रदेश की सड़कें गड्ढा मुक्त कराने का निर्देश दिया था. ढाई साल गुजरने को है, बिगड़ा अधिक, सुधरने का सवाल ही नहीं. विधानसभा क्षेत्र के गाँवों को जोड़ने वाली 85 फीसदी सड़कें चलने लायक नहीं रहीं.
रोगियों, गर्भवती महिलाओं, पढने जाने वाले छात्रों, व्यापारियों, किसानों सबके लिए यहाँ की सड़कें जी का जंगल बन गई है. किसी भी क्षेत्र के विकास के लिए सड़कें जीवन रेखा होती हैं.
रानीगंज- भीखाछपरा मार्ग, इस मार्ग से लगभग 40 विद्यालयों में पढने के लिए हजारों छात्र छात्राओं का रोज आना जाना होता है. पूरी तरह गड्ढा युक्त है. कोटवां मोड़-तालिवपुर मार्ग पर पीएचसी, बैरिया ब्लाक है. पूरे ब्लाक के लोगों का आना जाना होता है. सड़क बदहाल है. मधुबनी में सड़क पर गड्ढा, बगल में गड्ढा दुर्घटना होती रहती है. रानीगंज-महाराज बाबा-चकिया व चिरैयामोड मार्ग इस पर द्वाबा का आस्था केन्द्र है. सब सड़कें चलने लायक नहीं रहीं.
विधानसभा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण सड़क एनएच 31 से निकलकर चांददियर पुलिस चौकी से होकर लोकनायक जयप्रकाश नारायण के गांव जाने वाली सड़क तथा एनएच पर टेंगरहीं से जयप्रकाश नगर जाने वाली सड़क का अस्तित्व ही खतरे में है. उधर चूड़ामणि ब्रह्म बाबा स्थान से बीएसटी बंधे तक जाने वाला, मुरली छपरा- लालगंज मार्ग, सोनिया मोड़- भुवालछपरा मार्ग, एनएच पर बलराम सिंह के डेरा से धतूरी टोला मार्ग, महात्मा गांधी इंटर कॉलेज दलन छपरा से राम नगर-सेवक टोला- धतूरी टोला मार्ग, सीवन टोला- बाजराय के टोला मार्ग, इब्राहिमाबाद में कुकूरिया बाबा से जटवा बाबा तक मार्ग, तारकेश्वर पांडेय चौराहा से टोला फखरू राय मार्ग, एनएच 31 से निकलकर नौका टोला- बकुलहां मार्ग सहित दर्जनों सड़क चलने लायक नहीं रही. सड़कों के अस्तित्व पर ही खतरा उत्पन्न हो गया है. तत्कालीन जनप्रतिनिधियों ने बड़ी सोच के साथ इन सड़कें का निर्माण कराये. पर सड़को को सही ढंग से रखने की जैसे सोच ही नही बची. रख रखाव तो होना चाहिए.
बैरिया विधानसभा समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष अजय कुमार सिंह का कहना है ढाई साल हो गए विकास की बुनियाद सड़कें ठीक नहीं हुई. अब कब होगी यह सड़के ठीक? युवा भास्कर सिंह का कहना है की स्कूल जाने वाले विद्यार्थियों के लिए सड़कें जी का जंजाल बन गई है. व्यापारी अनिल शर्मा की माने तो सड़कों का विकास में बहुत योगदान होता है. बैरिया विधानसभा क्षेत्र का विकास ठहर सा गया है. इसके अलावा बैंक कर्मी, पुलिसकर्मी, राजस्व विभाग के कर्मचारी, शिक्षक, किसान सभी सड़कों का रोना रो रहे हैं. सबकी बातें को सबसे छोटे में कहें तो यही है कि किसी भी क्षेत्र के विकास की जीवन रेखा सड़के होती हैं, और यहां का जीवन रेखा ही गड़बड़ है. मंचों से भाषणों में और बयानों के माध्यम से विकास का गान करके दूर-दराज के लोगों को जरूर खुश किया जा सकता है. लेकिन बैरिया विधानसभा क्षेत्र के धरातल पर खुशहाली जैसा कुछ भी नहीं है.