नई ईस्ट इंडिया कम्पनी से मुक्ति के लिए चन्द्रशेखर के रास्ते पर चलना जरूरी – राम गोविंद चौधरी

नई ईस्ट इंडिया कम्पनी से मुक्ति के लिए चन्द्रशेखर के रास्ते पर चलना जरूरी – राम गोविंद चौधरी
बांसडीह, बलिया. प्रतिपक्ष के पूर्व नेता रामगोविंद चौधरी ने कहा है कि अडानी, अम्बानी आदि के नेतृत्व में उभरी नई ईस्ट इंडिया कम्पनी ने देश की सभी वैधानिक और लोकतांत्रिक संस्थाओं को अपने चंगुल में ले लिया है.

डबल इंजन की सरकार सीधे सीधे इस नई कम्पनी के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रही है. उन्होंने कहा है कि इस नई ईस्ट इंडिया कम्पनी से देश को मुक्त कराने के लिए जरूरी है कि हम सभी लोग राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर के दिखाए गए रास्ते पर चलें.
राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर की जयन्ती के अवसर पर सोमवार को अपने आवास पर आयोजित स्मृति समारोह में उनके चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए श्री चौधरी ने कहा है कि गत आठ वर्षो के आर्थिक ग्राफ पर नजर डालें तो देश के आम आदमी की आमदनी लगातार घट रही है. रुपया रसातल की ओर अग्रसर है और इस नई ईस्ट इंडिया कम्पनी के अडानी, अम्बानी समूह की आमदनी लगातार बढ़ रही है. इस वृद्धि को लेकर अडानी समूह के कारनामे आम हो चुके है. इसके बाद भी भारत सरकार जांच के लिए तैयार नहीं है.
उन्होंने कहा है कि सरकार की मिलीभगत से ढाई दर्जन से अधिक अविश्वसनीय लोग भारतीय बैंकों को कंगाल बनाकर विदेश में मौज कर रहे हैं. अडानी और अम्बानी समूह के कारोबार में भारतीय बैंकों का अकूत धन लगा हुआ है.
पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री चौधरी ने कहा है कि पूरा देश जानना चाहता है कि इन दोनों समूहों में भारतीय बैंको और अन्य सरकारी संस्थाओं का कितना धन लगा हुआ है, इसके बदले में इन दोनों समूहों ने कितना धन चंदा के रूप में कब कब, किसको किसको दिया है. उन्होंने कहा है कि यह सवाल किसी दल का नहीं बल्कि सम्पूर्ण देश का सवाल है.

पूर्व नेता प्रतिपक्ष श्री चौधरी ने कहा है कि इस सवाल से बचने के लिए ही इस नई कम्पनी की प्रतिनिधि डबल इंजन की सरकार हिंदू मुस्लिम का कार्ड खेल रही हैं. इससे सम्पूर्ण देश को सजग रहने की जरूरत है.
उन्होंने कहा है कि आज चन्द्रशेखर जी होते तो वह इस सवाल को लेकर संसद से लेकर सड़क तक संघर्ष करते. उनके सच्चे अनुयाई होने के नाते हम सभी लोगों का दायित्व है कि हम लोग इस नई ईस्ट इंडिया कम्पनी से यह सवाल पूंछे. यही आज के समय में राष्ट्रपुरुष चन्द्रशेखर को सच्ची श्रद्धांजलि है.

इस अवसर पर सर्वश्री राघव सिंह, राजेन्द्र चौधरी, अब्दुल कलाम, संदीप यादव, दिनेश यादव, यादव, दीपक मिश्र, प्रदीप राम, रामप्रताप यादव, सुनील प्रजापति, राजू खरवार आदि उपस्थित रहे.
बांसडीह से रवि शंकर पांडे की रिपोर्ट

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