भारत ही ऐसा देश जहां टीचर को गुरू कहते है : डा. सिंह

बलिया। नागाजी विद्या मंदिर माल्देपुर में मंगलवार से तीन दिवसीय विज्ञान मेला समारोह शुरू हुआ. मुख्य अतिथि जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ योगेंद्र सिंह, प्रदेश निरीक्षक आत्मानंद सिंह व कार्यक्रम अध्यक्ष डॉक्टर प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया. विद्यालय के प्रधानाचार्य ने सभी आगंतुक अतिथियों का परिचय एवं स्वागत किया.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कुलपति डॉक्टर योगेंद्र सिंह ने कहा कि विद्या भारती के संस्थानों द्वारा नई पीढ़ी को तैयार किया जा रहा है. यहां शिक्षा के साथ-साथ बालकों को अपने व्यक्तिगत जीवन में आगे कैसे बढ़ा जाए, इसकी भी शिक्षा दी जाती है. एक तरह से कहा जाए तो विद्या भारती अंधेरे में दीपक के समान है. इस संस्थान में लगे सभी लोगों का धन्यवाद देते हुए कुलपति ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी अपने पथ से भटकती जा रही है. समाज के कुछ लोग इस कार्य में लगे हुए हैं. ऐसे में सुधारने का काम गुरु ही कर सकता है. पूरे दुनिया में अध्यापक को टीचर कहा जाता है. परंतु भारत ही एकमात्र ऐसा देश है, जहां टीचर को गुरु कहा जाता है. गुरु का मतलब जो अपने आचरण व कर्म से छात्रों को अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाए. उसे गुरु कहते हैं. ऐसे आयोजनों से बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है. तीन दिनों तक चलने वाले इस ज्ञान विज्ञान मेला- 2017 में 5 संकुल गोरखपुर, देवरिया, बलिया, बस्ती और आजमगढ़ के छात्र छात्राओं ने भाग लिया.

इसमें 193 अंक प्राप्त कर गोरखपुर प्रथम, 185 अंक प्राप्त कर बलिया द्वितीय तथा 140 अंक प्राप्त कर बस्ती तीसरा स्थान प्राप्त किया. सभी विजेताओं को मैडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में प्रमुख रुप से अक्षय ठाकुर, कन्हैया चौबे, परमेश्वर, अरविंद, बजरंग, उमा, सूर्य, विक्रम, बसंत, श्रीनिवास, चंद्रभान, रामजी सिंह, अरुण कुमार मणि आदि लोग रहे.

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