
बलिया. जननायक चंद्रशेखर विश्व विद्यालय के परिसर में हर्बल वाटिका का उदघाटन बी. एच.यू. बनारस के कृषि विभाग के विभागाध्यक्ष एवं जाने माने वैज्ञानिक प्रो. आंनद कुमार सिंह द्वारा किया गया.
इस अवसर पर उन्होने औषधीय पौधों के गुणो के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में इसकी उपयोगिता को भी समझाया. उन्होंने विश्वविद्यालय के कृषि विभाग के छात्र छात्राओं को इसके लिए प्रोत्साहित भी किया.
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. कल्पलता पांडेय द्वारा छात्रों को शोध एवं नवाचार के लिए प्रोत्साहित किया गया. कुलपति द्वारा मुख्य अतिथि को एक औषधि पौधा भेट किया गया. विश्वविद्यालय में हार्टिकल्चर विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. अमित कुमार सिंह ने बताया कि हर्बल वाटिका में लगभग 150 से अधिक विभिन्न प्रकार के औषधीय गुणों से परिपूर्ण पौधे लगाए गए है. जिनका की आम जनमानस से सीधा नाता है जैसे कि प्रमुख पौधों के रूप में रुद्राक्ष, लाल चंदन, सिंदूर इलायची, काला धतूरा, छुई मुई पारिजात सुपारी, खैर, इलायची ,गोल मरीच तेजपत्ता, हदजोड़ इंसुलिन, गिलोय ,पान अपराजिता, मोलश्री, सीता अशोक, अगस्त खीर ,अश्वगंधा व श्याम तुलसी आदि.
इन सभी का कॉरोना काल में सर्वाधिक उपयोग रहा तथा आयुर्वेद में इसकी अत्यंत उपयोगिता है. यह सभी पौधे दुर्लभ किस्म के है. कृषि विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. लालविजय सिंह ने बताया कि इस वाटिका में कई औषधीय पौधे भी लगाए गए हैं, जो अलग-अलग बीमारियों के इलाज में काम आते हैं. छात्रों को उन पौधों की उपयोगिता के बारे में भी बताया, जिससे ये उनके महत्व के बारे में समझ सके और दूसरों को भी बता सकें.
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इस अवसर पर एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर प्रियंका सिंह ,डॉक्टर खुश्बू दूबे , डॉ. नेहा विशेन सहित छात्रगण उपस्थित रहे.
(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)