बलिया। दुर्गापूजा, मुहर्रम व अन्य त्यौहारों को देखते हुए जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम की अध्यक्षता में रविवार की शाम को कलेक्ट्रेट सभागार में शांति समिति की बैठक हुई. जिलाधिकारी ने समस्त प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से कहा कि त्यौहारों पर अमन चैन बनाये रखने के लिए जरूरी है कि छोटी-छोटी समस्याओं का निदान समय रहते कर लिया जाए. इसके लिए शीघ्र थाने स्तर पर बनी शांति समिति की बैठक कर लें. ताजिया या दुर्गापूजा रखने के स्थल व वहां जाने वाले रास्तों पर देख लें कि कोई समस्या तो नही है.
बैठक में सबसे पहले जिलाधिकारी ने समस्त थानाध्यक्षों से थानावार दुर्गापूजा व ताजिया रखे जाने सम्बन्धी जानकारी ली. कहा कि जहां ताजिया या दुर्गापूजा रखे जाते है, वहां के स्थल व रास्तों की सुगमता को देख लें. अगर कोई बाधा है तो उसे शीघ्र दूर कर लें. यह भी निर्देश दिया कि अराजक तत्वों की पहचान व जरूरत महसूस होने पर निरोधात्मक कार्रवाई भी सख्ती से करें. सार्वजनिक स्थल या मीडिया के माध्यम से कोई अफवाह फैलाने वालों पर नजर रखें. जिलाधिकारी ने कहा कि अगर पहले कहीं विवाद हुआ हो तो उस विवाद की पूरी जानकारी कर लें और कोई समस्या हो तो पहले ही दूर करा दें.
जिलाधिकारी ने दुर्गापूजा के सम्बन्ध में कहा कि चिन्हित स्थानों पर ही पण्डाल लगाया जाए. आवागमन का मार्ग बाधित न हो. पण्डाल में अग्निशमन यंत्र व विद्युत सुरक्षा के पर्याप्त उपाय जरूर किया जाए. कार्यकर्ताओं के पास बैच अवश्य रहे और 24 घंटे उनकी ड्यूटी पण्डाल में रहे. कोई नई परम्परा कायम नही होगी. पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि आयोजकों व कार्यकर्ताओं का पूरा विवरण पुलिस के पास अनिवार्य रूप से रहे. जिलाधिकारी ने मुहर्रम त्यौहार के सम्बन्ध में कहा कि ताजिया जुलूस मार्ग में पड़ने वाले अवरोध को देख लिया जाए. किसी भी दशा में नये मार्ग से जुलूस ले जाना या मार्ग परिवर्तित नही किया जाए. बैठक में एसपी अनिल कुमार, एएसपी विजयपाल सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट मनोज पाण्डेय, एसडीएम सदर निखिल टीकाराम फुंडे समेत समस्त प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी मौजूद रहे.
मूर्ति विसर्जन स्थल को देख लें अधिकारी: जिलाधिकारी
कलेक्ट्रेट सभागार में आयेाजित शांति समिति की बैठक में उपस्थित प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों से जिलाधिकारी ने कहा कि दुर्गा पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन जिस वैकल्पिक स्थान या तालाब में होना है, उस स्थल को पहले से ही देख लें. वहां कोई दिक्कत न हो और वहां का रास्ता सुगम होना चाहिए. कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी दशा में नदियों में मूर्ति विसर्जन नही होना चाहिए. जन जागरूकता के लिए विभिन्न माध्यमों से इस बात का व्यापक प्रचार प्रसार कराने का भी निर्देश दिया. बताया जाए कि इससे नदियां प्रदूषित होती है और मानव व जीव जन्तुओं पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है.