
बैरिया (बलिया)। नगर पंचायत का दर्जा हासिल करने के बाद भी ऐतिहासिक व सामाजिक महत्व वाले, बैरिया के गौरव को बढ़ाने वाले शहीद स्मारक के साफ सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. प्रत्याशा के इस नगर पंचायत का शुभारंभ विगत 25 अक्टूबर को हुआ. यहां लगभग पांच दर्जन सफाईकर्मी लगाकर बीबी टोला से बैरिया तक गांव गलियों में झाडू लगवा कर यह प्रमाण प्रस्तुत किया जा रहा है कि बैरिया नगर पंचायत बन गया है. हालांकि बैरिया के गौरवपूर्ण क्रांति और शहादत की दास्तान बयान करने वाले शहीद स्मारक पर धूल व गंदगी की मोटी मोटी परते जमी हुई है.
शहीद स्मारक का कोई पुरसाहाल नहीं
इसके तरफ किसी का ध्यान नहीं है. साल में एक बार 18 अगस्त को इस स्मारक की साफ-सफाई, धुलाई और किसी-किसी साल रंगाई-पुताई कर अमर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के कर्मकांडी स्वरूप को प्रकट करने के बाद मंच से उतरने के साथ ही लोग भूल जाते हैं कि शहीद स्मारक का क्या हाल है. बस रह जाता है मंचों के भाषणों में शहीदों का नाम ले लेकर गर्जन तर्जन. बीच-बीच में यदाकदा अपने निहित उद्देश्यों को लेकर करने वाले आयोजनों के पूर्व शहीदों को पुष्प अर्पित करने का और वापसी में छोड़ जाते हैं स्मारक पर जमी हुई मोटी-मोटी धूल के परतो पर अपने पदचिन्ह. जो कुछ दिन दृष्टिगत होने के बाद धूल की परतों में छिप जाते हैं.
बैरिया नगर पंचायत का दर्जा मिला या न मिला, इस द्वंद्व के बीच उलझे बैरिया वासियों के सामने प्रमाण बस बैरिया पंचायत भवन पर नगर पंचायत के दफ्तर का बोर्ड वह वेतन मिलने की उम्मीद लगाए लगभग पांच दर्जन सफाई कर्मी व कभी-कभार आने वाले अधिशासी अधिकारी का चेंबर किसी का भी ध्यान शहीद स्मारक के साफ-सफाई पर नहीं है.
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