अमनमणि मामले में एसडीएम सवालों के ‘चक्रव्यूह’ में

चुनावी लाभ के लिए नौतनवा आने का बहाना मिला

वोटर संबंधी कई मामले हैं एसडीएम के अदालत में विचाराधीन

अमनमणि प्रकरण में एसडीएम ने क्यों दिखाई तेजी

महराजगंज। अमनमणि के वोटर संबंधी मामले में तेजी दिखाने से एसडीएम पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. लोगों का कहना है कि वोटर संबंधी कई प्रकरण एसडीएम के अदालत में विचाराधीन हैं, एसडीएम ने अमनमणि प्रकरण मे जान बूझकर उन्हें चुनावी लाभ के लिए नोटिस भेजकर नौतनवा आने की सहूलियत उपलब्ध करवाई. अमनमणि नौतनवा विधानसभा सीट से संभावित उम्मीदवार हैं.

भाजपा नेता जितेंद्र जायसवाल ने इस प्रकरण को चुनाव आयोग के संज्ञान में ले जाने की बात कहते हुए कहा कि स्वयं उनका मतदाता संबंधी मामला कई महीने से एसडीएम के न्यायालय में विचाराधीन है, लेकिन उन्हें अभी तक जवाब देने के लिए कोई नोटिस नहीं दी गई. कहा कि अमनमणि को इस बहाने नौतनवा तलबकर उन्हें अपने कार्यकर्ताओं से मिलकर चुनावी रणनीति तय करने का मौका जान बूझकर मुहैया कराया गया.

मालूम हो कि पूर्व मंत्री अमरमणि के पुत्र अमनमणि अपनी पत्नी सारा की हत्या मामले में इन दिनों डासना जेल मे बंद हैं. वे स्वयं और उनके माता-पिता, चाचा तथा दो बहनें नौतनवा तहसील के पहुनी गांव के वोटर है. उनके वोटरशिप को चुनौती देते हुए कसबे के रामेश्वर बर्नवाल ने एसडीएम से 14 जनवरी को शिकायत किया था. इस मामले मे तत्परता दिखाते हुए एसडीएम ने 23 जनवरी को नोटिस जारी कर 31जनवरी को स्वयं अथवा अपने प्रतिनिधी को भेजकर पक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. यदि आप स्वयं उपस्थित होना चाहते हों तो 3 फरवरी को उपस्थित होने का आदेश दिया. एसडीएम ने इस मामले मे परिवार के अन्य सदस्य अनंतमणि, अजीतमणि, अलंकृता मणि, मधुबाला मणि तथा अमरमणि को नोटिस भेजा गया.

तीन फरवरी को अमन मणि, अनंतमणि तथा अलंकृताणि एसडीएम के अदालत मे पेश हुए. अमनमणि के नौतनवा पहुंचते ही कसबे लेकर एसडीएम कोर्ट तक भीड़ जमा  हो गई. अमनमणि के पक्ष में जमकर नारेबाजी भी हुई. हालाकि नारेबाजी मामले मे 200 अज्ञात के खिलाफ आचार संहिता के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है.

हाईप्रोफाइल मामला होने के नाते शीघ्र निस्तारण की नियत से इस मामले मे जल्दबाजी की गई. इस मामले में एक पूर्व सांसद का दबाव भी था – आलोक कुमार, एसडीएम

 

 

 

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