बस्ती। शहर के रीता चौराहे पर रविवार को भाजपा के राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा की गाड़ी के आगे पार्टी के बागी नेता लेट गए. उन्होंने तहरीर दी है कि वे कायस्थ समाज के सम्मेलन में भाग लेने जा रहे थे. इस दौरान कुछ लोगों ने स्वागत करने के बहाने उन्हें रोक लिया. उन्हें जबरन गाड़ी से बाहर निकालने की कोशिश की.
बताया जाता है कि सदर सीट से चुनाव लड़ रहे निर्दल प्रत्याशी व भाजपा के बागी राकेश श्रीवास्तव के सर्मथकों ने रौता चौराहा के पास उनका काफिला रोक लिया. बागियों ने कहा या तो समर्थन दो या फिर लौट जाओ. निजी सुरक्षाकर्मियों ने किसी तरह सड़क खाली करवाई तो सांसद वापस लखनऊ लौट गए. उधर, भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी रामेश्वर चौरसिया ने घटना की निन्दा करते हुए पुलिस एवं चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि अगर इस कृत्य में भाजपाई शामिल होंगे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
इसी क्रम में सीतापुर के तंबौर क्षेत्र के औरंगाबाद निवासी राजेश कुमार गौतम, रामदयाल गौतम, बाबा दुजी दास, सतीश कुमार, प्रेम कुमार, शिव कुमार, सुरेंद्र कुमार समेत अन्य लोगों द्वारा पुलिस को दिए गए प्रार्थना पत्र में बताया है कि शनिवार को सांसद राजेश वर्मा अपने साथ कई लोगों को लेकर उनके गांव पहुंचे. यहां सांसद द्वारा भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में वोट मांगते हुए कुछ सवाल किए गए. आरोप है कि सांसद ने जाति सूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए राजेश को पीटा व गनर राजेश ने रामदयाल को गाड़ी में डालने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों ने उसे छुड़ा लिया।
ग्रामीणों का आरोप है कि सांसद, गनर व उनके साथ मौजूद शत्रोहन वर्मा व सर्वेश वर्मा निवासीगण बिसवां खुर्द ने वोट न देने पर सबक सिखाने की धमकी दी है. सांसद राजेश वर्मा ने बताया कि मेरे द्वारा कोई मारपीट नहीं की गई है. साजिशन कुछ युवकों द्वारा शराब के नशे में धुत होकर मेरे साथ बदसलूकी की और हाथापाई करने का प्रयास किया, जिस पर मेरे गनर ने मुझे गाड़ी में बैठाया और हम लोग वहां से रवाना हो गए. सीओ बिसवां शेषमणि पाठक ने बताया कि मामले में सांसद, गनर समेत चार के विरुद्ध धारा 171च, 504, 506 आईपीसी और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है.