गांव वालों ने लिखा सीएम को, सीएम से डीएम, डीएम से बीडिओ उतरता आया पत्र, समस्या जस की तस, बस बन रही है योजना
बांसडीह (बलिया)। स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत का काला सच देखना हो तो विकास खंड बांसडीह के खरौनी गांव की हरिजन बस्ती में पहुंच जांय. यह नारा और योजना जिस पर करोड़ो रूपए सरकार ने खर्च किए यहां बिलबिलाता नजर आएगा. ग्राम प्रधान, सफाईकर्मी, सचिव व खण्ड विकास अधिकारी तथा जनप्रतिनिधियों की कारस्तानी नजर आएगी.
यहां मुख्य मार्ग पर वर्षों से नाबदान का पानी बह रहा है. पानी वही सड़ सड़ कर दुर्गन्ध का वातावरण फैला दिया है. संक्रामक रोग फैलने की आशंका बनी हुई है. कोई ध्यान देने वाला नहीं है.
इस समस्या के लिए ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ के शिकायत पोर्टल पर शिकायत की. तब मुख्यमंत्री के यहाँ से जिलाधिकारी भवानी सिंह खगरौत के यहाँ निर्देश आया. उन्होंने इसका जिम्मा उपजिलाधिकारी बांसडीह को इस समस्या के हल के लिये भेजा. उपजिलाधिकारी अन्नपूर्णा गर्ग के निर्देश पर खंड विकास अधिकारी बांसडीह नंदलाल कुमार खरौनी पहुंचे. सड़क पर से जल निकास के विकल्पों को देखा.
मोहल्ला वासीयों की माने तो इसका निकास कहीं नहीं है. इसीलिए तो यह समस्या है. आगे लोगों की कास्तकारी जमीन है. गुरुवार को राजागांव खरौनी पहुँचे खण्ड विकास अधिकारी नन्दलाल कुमार ने बताया कि लगभग 500 मीटर लम्बी नाली बनानी पड़ेगी, और उसमें 150 मीटर की ह्यूम पाइप भी लगाना पड़ेगा. तब जाकर ग्रामीणों को इस समस्या से निजात मिलेगी. इस पर लगभग दस लाख रुपये खर्च होने के अनुमान है. अगर ग्रामीण जमीन उपलब्ध नही कराते है तो इस समस्या का समाधान नही होगा. इस में मठिया व काश्तकारों की भी जमीन पड़ रही है.
उपजिलाधिकारी अन्नपूर्णा गर्ग ने बताया कि खण्ड विकास अधिकारी ने रिपोर्ट दी है. मठिया के महंत और कास्तकारों से बात की जा रही है. जल्द ही इस समस्या से ग्रामीणों को निजात मिलेगी.