स्वच्छता का रोल माडल देखना हो तो आ जांय नगरा बाजार, वाहवाही करते नहीं थकेंगे

यहां अप्रैल की कड़ाके की धूप वाले मौसम में जब यह हाल है तो बरसात में क्या होता होगा अंदाजा लगाया जा सकता है

नगरा(बलिया)। नगरा बाजार नगर तो नही बना लेकिन नरकनुमा जरूर हो गया है. स्वच्छता का धरातल पर सच देखना हो तो नगरा बाजार पहुंच कर देख लें. प्रदेश, केन्द्र की अति महात्वाकांक्षी स्वच्छता योजना का काला सच यहां धरातल पर देखने को मिल जाएगा. जनप्रतिनिधियों और नौकरशाहों की जुगलबंदी से विकास के सच से रू-ब-रू हो जाएंगे.

यहां बाजार के मुख्य मार्ग पर नाली का पानी बजबजा रहा है. इस राह से गुजरने वालों का आना जाना दुश्वार है. किंतु क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और प्रशासन के लोग जानबूझ कर भी लापरवाह बने हुए हैं.
नगरा ग्राम पंचायत को नगर पंचायत बनाने का सपना ढाई दशक पहले से ही माननीयों ने दिखाना चालू कर दिया. लेकिन यह भ्रमजाल फैला कर वोट पा लेने की साजिश तक ही सीमित रहता है. नगरा नगर पंचायत नही बना. नगरा बाजार की आबादी तो बढ़ी, दूसरी तरफ समस्याएं भी विकराल रूप धारण करती गई. सबसे विकट समस्या बाजार के जल निकास की है. दो साल से नाबदान का पानी बाजार के मुख्य सड़क पर जमा होकर बदबू फैलाता है. तरह-तरह की संक्रामक बीमारियों को भी फैला रहा है. रास्ते पर कीचड़ व नाबदान के पानी के चलते यहां का जन जीवन विकल है.

2016 में सपा विधायक गोरख पासवान ने नाली की सफाई एवं पानी निकास हेतु प्रशासन पर दबाव देकर काम शुरू कराया था, किन्तु समस्या का हल नही निकल पाया. वर्तमान जनप्रतिनिधि भाजपा विधायक धनंजय कन्नौजिया द्वारा अब तक पानी निकास हेतु कोई पहल नही किया गया. जिससे बाजार के हनुमान चौक, दुर्गा मंदिर तथा यूनियन बैंक के सामने नाली का बदबूदार पानी सड़क पर जमा हुआ है. सबसे अधिक दिक्कत दुर्गा मंदिर के पास है. दुर्गा मंदिर के सटे सामने नाली का पानी जमा हुआ है. जिससे भक्तों का दुर्गा मंदिर में प्रवेश भी मुश्किल हो गया है. यदि भक्त मन्दिर में जाना चाहता है, तो उसे नाली के दुर्गन्धयुक्त पानी से ही होकर गुजरना पड़ेगा. इस जल जमाव से व्यापारियों का कारोबार भी प्रभावित हो रहा है. क्योंकि ग्राहक गन्दे पानी से बचने के लिए दूसरे बाजारों के तरफ रुख कर ले रहे है. पानी के बदबू से बाजार में सांस लेना भी मुश्किल है. समस्या से कारोबारियों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. पूर्व प्रधान काशीनाथ जायसवाल ने बताया कि नाली की समस्या से निजात दिलाने हेतु कोई भी अधिकारी या जनप्रतिनिधि गम्भीर नही है. धर्म व स्वच्छता की लंबी चौड़ी डींगे हाँकने वालो की पोल नगरा बाजार की नाली खोल रही है. सपा के कृष्णपाल यादव केपी ने कहा कि पानी निकास की समस्या के प्रति प्रशासन गम्भीर नही है. कहा कि 12-13 साल पहले भाजपा के तत्कालीन विधायक राम इकबाल सिंह ने बाजार को सीसी सड़क तो दिया. लेकिन पानी निकास की समस्या हेतु कोई पहल नही किया गया. बाजार वासियों को पानी निकास की समस्या से कब तक निजात मिलेगी? यह गम्भीर प्रश्न है. कहा कि अब कोई जनप्रतिनिधि इसके प्रति गम्भीर नही है.

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