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बलिया। साक्षर भारत योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश को पूर्ण साक्षरता की दिशा में अग्रसर करने में लगे प्रेरकों के साथ प्रदेश सरकार मानदेय भुगतान के नाम पर क्रूर मजाक कर रही है. यह आरोप प्रेरक संघ के ब्लाक अध्यक्ष अजीत कुमार पाठक का हैं. उन्होंने साक्षरता निदेशक अवध नरेश शर्मा के पत्र 30 दिसम्बर 2016 का हवाला देते हुए बताया कि प्रेरकों के पांच माह तथा ब्लाक समन्वयकों के तीन माह के मानदेय भुगतान के लिए ऑथोराइजेशन पत्र जारी तो कर दिया परंतु सम्बंधित खातों में अद्यावधि कोई धनराशि नहीं भेजी गयी है. यह खुलासा तब हुआ जब पांच माह का चेक लेकर भुगतान के लिए प्रेरक बैंकों में पहुंचे.
संघ के अध्यक्ष श्री पाठक का कहना है कि दो वर्ष से अधिक मानदेय का बकाया प्रेरकों का लम्बित है. इसको लेकर आए दिन प्रदेश के कई जनपदों में धरना प्रदर्शन हो रहा है, परंतु अखिलेश सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है. बकाया मानदेय भुगतान की मांग करते-करते आजिज प्रेरकों ने अब उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का निर्णय लिया है. इसको लेकर शिक्षा क्षेत्र दुबहर के प्रेरकों की बैठक हुई, जिसमें हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया गया. याचिका दायर करने के लिए सभी ब्लाक अध्यक्षों की बैठक शीघ्र होगी और जनपद की ओर से याचिका दाखिल की जाएगी. बैठक में अख्तर अली, वैभव, गणेश यादव, अशोक पाण्डेय, चन्द्रिका प्रसाद, दयाशंकर ठाकुर, दिलीप प्रसाद, बृजबिहारी यादव, पूनम यादव, शशि पाण्डेय, आशालता वर्मा, दिव्या पाण्डेय, विजय लक्ष्मी वर्मा उपस्थित रही.