


बैरिया.गंगा में आई बाढ़ का तटवर्ती गांवों में तबाही मचा रही है। शनिवार को दोपहर एक बजे के बाद उदयीछपरा गांव में हालात और भी बिगड़ गए। कटान से कई घर गंगा में समा गए।
गंगा की लहरों में उदयीछपरा गांव निवासी अध्यापक मदन उपाध्याय, ज्ञान चन्द्र राम, रामनवमी राम, सुदर्शन राम, बिपिन राम, सुदर्शन तियर, मोहन राम, बिरेन्द्र राम, किशुन राम, नागा उपाध्याय ,शम्भू उपाध्याय,सचिन सिंह, टुकर राम ढेला उपाध्याय का घर व काली मंदिर, नीम के पेड़ पलक झपकते ही गंगा में विलीन हो गये. समाचार लिखे जाने तक कटान जारी था.कटान की धारा इतनी तेज थी कि कोई भी मोटरबोट या नाव वहां वहां जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही थी।
वहां के हाल को देखते हुए बाढ़ विभाग ने अपने हाथ खड़े कर दिए हैं, वहीं प्रशासन ने पूरे उदयीछपरा को मुनादी कराकर खाली करा दिया है। कटान की गति यही रही तो अगले तीन-चार दिनों में उदईछपरा का अस्तित्व समाप्त हो सकता है। उसके बाद गोपालपुर तथा दुबेछपरा भी कटान के जद में आ सकते हैं। कटान की स्थिति देखते हुए दुबेछपरा और गोपालपुर के लोग भयभीत है। अपने घरों का सामान परिवार लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं।

जिलाधिकारी बलिया अदिति सिंह व पुलिस अधीक्षक बलिया राजकरन नय्यर शनिवार की शाम बाढ़ प्रभावित क्षेत्र गोपालपुर उदयी छपरा में एसडीआरएफ की बोट पर सवार होकर गए और बाढ़ व कटान पीड़ितों का हाल जाना. जिलाधिकारी ने ज्यों ही बोट के द्वारा बस्तियों के पास पहुची तब तक मूसलाधार बारिश होने लगा जिसमें वह भीग भी गईं।
जिलाधिकारी उदयीछपरा में कटान पीड़ितों का हाल देख स्तब्ध रह गई.कहा कि इस दैवीय आपदा में आप लोग अपने को सुरक्षित रखिये, प्रशासन की तरफ से हर सम्भव सुविधा दी जाएगी.
(बैरिया से वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)