अच्छे लोगों को सियासत में आना होगा – संतोष यादव

गाजीपुर। शहर की प्रतिष्ठित संस्था हजरत सैय्यद मसऊद गाजी वेलफेयर सोसायटी की ओर से सैय्यदवाड़ा स्थित शाहलग्न पैलेस में ‘‘हिन्दी साहित्य’’ में गाजीपुर का योगदान नामक एवं कार्यक्रम का आयोजन किया गया. हजरत सैय्यद मसऊद गाजी रह0 अवार्ड से सम्मानित साहित्यकार रामावतार की प्रसिद्ध लेखनी पर डॉ. रिचा राय ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी रचनाएं जमीन से जोड़ती है, आम आदमी की पीड़ा को वह बखूबी व्यक्त कर लेते हैं, वह खूब लिखते हैं और दिलों में हलचल पैदा करते हैं.

हजरत सैय्यद मसऊद गाजी रह0 अवार्ड से सम्मानित प्रसिद्ध रचनाकार मकबूल वाजिद के कलम पर बोलते हुए डॉ.मसऊद ने कहा कि उनका कलम बड़ा बेबाक है, सच को सच कहने से घबराता नहीं है. वह जो भी लिखते है दिल से लिखते हैं और उनके पास जो दिल है, वह आम आदमी का दिल है. हजरत सैय्यद मसऊद गाजी रह0 अवार्ड से सुशोभित प्रसिद्ध उपन्यासकार सेराज खां ‘‘बातिश’’ की लेखनी पर प्रकाश डालते हुए नर्वदेश्वर राय ने कहा कि इनकी लेखनी दिलों को जोड़ती है. सामाजिक सोहार्द का मूल मंत्र बताती है. वह दिलों में उमड़ने वाले विचारों को बखूबी व्यक्त कर लेते हैं. प्रसिद्ध समाजसेवी अमरनाथ तिवारी ‘‘अमर’’ के व्यक्तित्व पर विचार व्यक्त करते हुए डॉ. श्रीकांत पाण्डेय ने कहा कि वह विद्यार्थियों में सामाजिक चेतना जागृत करने के लिए सदेव प्रयत्नशील रहते हैं. इसका भरपूर लाभ छात्रों ने उठाया भी है.

प्रसिद्ध पत्रकार अफसर खां के कलम पर उद्गार व्यक्त करते हुए मौलाना नजमुस्साकिब अब्बासी नदवी ने कहा कि वह कर्मठ और जुझारू पत्रकार हैं. इनके पत्र-पत्रिकाओं में सच और हक लिखते रहते हैं. वह युवा हैं, आशा है कि आगे भी वह बेबाकी से लिखते रहेंगे. मुख्य अतिथि संतोष यादव प्रत्याशी सदर विधानसभा ने कहा, मौजूदा परिवेश पर प्रकाश डालते हुए कहा कि केवल राजनीति क्षेत्रों को बुरा कहने से काम नहीं चलेगा, बल्कि अच्छे लोगों को सियासत में आना होगा. अच्छे लोगों को लोकतंत्र के मन्दिर में आना होगा. सोसायटी के संस्थापक मौलाना मु0 नईमुद्दीन गाजीपुरी ने संस्था की समस्त सरगर्मियों पर प्रकाश डाला और आगे भी ऐसी सेवाएं देने का वादा किया तथा समस्त आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया. संचालन जख्मी ताजपुरी ने किया. कार्यक्रम का शुभारम्भ जाहिद इकबाल ने किया. इससे पूर्व माहिर गाजीपुरी, अहकम गाजीपुरी, बादशाह राही और नजर गाजीपुरी ने गजल व नज्म के द्वारा महफिल लूटी और प्रतिभाओं से वाहवाही पायी. कार्यक्रम में शमीम अब्बासी, खुर्शीद अहमद, अली असगर, नसीम अब्बासी, इफ्तिेखार वकील, तौसिफ गोया, सुहेल खां, मु0 नसीम रजा, मौलाना इस्तियाक अहमद नदवी, मौलाना फजलूल बारी, संजय कुमार शर्मा, प्रमोद राय, जोवद जहीर, अकील अहमद उपस्थित थे.

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