

https://twitter.com/chinmaykrvd/status/756495976236318720
बलिया लाइव न्यूज नेटवर्क
शनिवार को तड़के बेटी के सम्मान में बीजेपी मैदान में…. जैसे नारे के साथ भाजपाई मैदान में उतरे थे, मगर शाम होते होते पता चला कि स्वाति सिंह की लड़ाई तो आम जनता लड़ रही है. स्वाति सिंह के संकट की घड़ी में उसके पति से पल्ला झाड़ने वाले भाजपाई भी बहुत पीछे छूट चुके थे.
https://twitter.com/preeti_chopra2/status/756503984664289280
जाति, धर्म, लिंग, वर्ग भेद से ऊपर
बलिया के टीडी कॉलेज प्रांगण में नेहा राय की अगुवाई में जो छात्राएं बेटी के सम्मान में हर बेटी मैदान में सरीखे नारे लगा रही थी या फिर एनसीसी चौराहे पर जो युवक बेटी की सम्मान की लड़ाई में ताल ठोंक रहे थे, यह वह तबका था जो किसी राजनीतिक दल का डंडा, झंडा या बैनर नहीं ढोता है, बल्कि यह आम लोगों की स्वतः स्फूर्त चेतना थी. जाति, धर्म, लिंग, वर्ग भेद से ऊपर.
https://twitter.com/neha_aks/status/756496535718862848
मायावती को माफ़ी मांगनी चाहिए
शायद आम पब्लिक की नब्ज का थाह लेने से हमारे राजनीतिक दल चूक जा रहे हैं. शनिवार को यह लड़ाई कमोबेश पूरे यूपी में लड़ी जा रही थी. यहां तक कि सोशल साइटों पर भी. बीबीसी के मुताबिक सोशल मीडिया पर #swati singh (स्वाति सिंह), #IStandWithSwatiSingh (मैं स्वाति के साथ हूं) और #Mayawati ट्रेंड कर रहे थे. ट्विटर पर कई स्वाति को परेशान करने वाले बयान को ग़लत बता रहे हैं तो कई कह रहे हैं कि उसके लिए मायावती को माफ़ी मांगनी चाहिए.
https://twitter.com/dhaval241086/status/756495218367565826
बीएसपी-बीजेपी के रणनीतिकारों का भेजा फ्राई
सच्चाई तो यह है कि स्वामी प्रसाद मौर्य और आरके चौधरी के पार्टी छोड़ने के बाद बसपा हाईकमान बैकफुट पर था. उसे सूझ ही नहीं रहा था कि क्या करें. इसी बीच बड़बोले दयाशंकर सिंह की एक गलती ने उन्हें संजीवनी बुटी मुहैया करवा दिया. बसपा हाईकमान इस मुगालते में जीने लगा कि बस… इतने भर से तो पूरी बाजी पलट देंगे. उसके आक्रामक तेवर को देख लंबी लंबी डिंगे हांकने वाली बीजेपी भी बैकफुट पर आ गई. उसने आनन फानन में दयाशंकर सिंह को बाहर का रास्ता दिखा डैमेज कंट्रोल की रणनीति अपनाई. मगर खांटी बलिया की स्वाति सिंह ने इन दोनों राजनीतिक दलों के रणनीतिकारों का भेजा फ्राई कर दिया. स्वाति को पूरे देश से आम लोगों का जिस तरह से नैतिक समर्थन मिला, उसे देख कर सभी हतप्रभ है.
New worthy candidate against Madam M n potential CM @swati Singh
— vimal mishra (@vimalannu) July 23, 2016
शर्म की बात है- बहनजी 12 साल की बच्ची को डरा रही हैं
सोशल मीडिया में प्रीति चोपड़ा लिखती हैं, “अब मायावती अपना बचाव कर रही हैं… कहा है मैंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से इस तरह की भाषा का उपयोग न करने के लिए कहा है. भाजपा के समर्थन के बिना ऐसा करने के लिए सही किया स्वाति सिंह.” विमल मिश्रा लिखते हैं, “क्या स्वाति सिंह महिला नहीं? क्या केवल ताकतवर महिलाओं का ही मान बचाया जाना चाहिए?” शिल्पी पाठक लिखती हैं, “शर्म की बात है कि देवीजी या बहनजी वोट बैंक की राजनीति के लिए 12 साल की बच्ची को डरा रही हैं.”
Cannot believe a lady who abuses & threatens 12yr old girl was CM of UP! #shameOnMayawati
— Dr Aishwarya S 🇮🇳 (@Aish17aer) July 23, 2016
और शाम होते होते उसने कर दिखाया … शाबास स्वाति
गौरतलब बात तो यह है कि स्वाति सिंह ने यह सब हासिल करने के लिए बीजेपी से कोई मदद नहीं मांगने गई. बल्कि स्वयं रणक्षेत्र में उतरी. आम पब्लिक का मिजाज भांप मायावती की तरह बीजेपी को भी ‘अछूत’ दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह में अपना फायद नजर आने लगा, और उसे बेटी का सम्मान याद आ गया. मगर स्वाति के साथ तो पूरा देश खड़ा है, पूरा बलिया खड़ा है. हर मजहब हर जाति के लोग खड़े हैं. हर सभ्य पुरुष खड़ा है. हर सभ्य महिला खड़ी है. स्वाति ने साबित कर दिया कि बिना बीएसपी से डरे या बिना बीजेपी को साथ लिए भी लड़ाई लड़ी जा सकती है और जीती जा सकती है. राजनीति के गलियारे में यह चर्चा है कि योगी समर्थकों की नींद उड़ गई है.
वेरी गुड….स्वाति सिंह ने वह कर दिखाया, जो पूरी बीजेपी सोच तक नहीं पायी और वह भी तब जब उनके पति दया शंकर सिंह को बीजेपी से 6 साल के लिए निष्काषित कर दिया गया और पति घर से भागा भागा फिर रहा है. एक अकेली महिला, एक नाबालिग बेटी की मां ने अपनी सास के साथ मिल कर मायावती जैसी अख्खड़ नेता को धूल चटा दिया,…… चूलें हिला दी बसपा के गुंडागर्दी की. इतने से नहीं रुकेगी.. अब स्वाति सिंह मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ POCSO Act के तहत मामला दर्ज करवायेगी…Omprakash Singh (बलिया LIVE के फेसबुक वाल पर)