बैरिया(बलिया)। विकास खण्ड बैरिया अंतर्गत दुर्जनपुर के मृतक मनरेगा जाब कार्डधारक पशुपति गोंड के काम करने के नाम पर 4176 रुपये निकालने का मामला प्रकाश में आया है. खण्ड विकास अधिकारी रणजीत कुमार के तहरीर पर बैरिया थाना में तत्कालीन सचिव बृजलाल वर्मा, सहायक लेखाकार वीरेन्द्र राम, लेखा सहायक विनोद वर्मा, कम्प्यूटर आपरेटर प्रमोद यादव व तत्कालीन बैरिया प्रधान शांति देवी सहित पांच लोगों पर एफआईआर दर्ज किया गया है. खण्ड विकास अधिकारी रणजीत कुमार की माने तो मनरेगा डीसी के जांच पर दोषी पाए जाने के बाद मुकदमा पंजीकृत कराया गया है. जबकि मामले में कारण बताओ नोटिस के जबाब में तत्कालीन सचिव बृजलाल वर्मा ने जबाब दिया है कि काम करने के लिए कार्यालय से मस्टररोल निकालने के बाद जब हमारे द्वारा मजदूरों की हाजिरी भरी गयी तो देखा गया कि उक्त मजदूर की मृत्यु हो चुकी है. जिसके वजह से उक्त मृतक मजदूर को मेरे द्वारा गैरहाजिर दिखाकर भुगतान के लिए डिमाण्ड नही किया गया. बावजूद कार्यालय द्वारा मृतक मजदूर को भुगतान किया गया है. ब्लाक के जानकार बताते है कि सचिव द्वारा मजदूरों की डिमाण्ड करने के बाद एपीओ द्वारा भुगतान के लिए बीडीओ के सामने प्रपोजल बनाकर पेश करने के बाद बीडीओ के डोंगल लगाने पर ही मजदूरों की मजदूरी खाते में जाता है. ऐसे में प्रबुद्ध लोगों के बीच प्रश्न उठ रहा है कि सचिव व प्रधान द्वारा ग्राम पंचायत से मजदूरी भुगतान की बिना डिमांड किये धन भुगतान कर दिया गया है. ऐसे में भुगतान की प्रपोजल बनाने वाले व डोंगल करने वाले जम्मेदार अधिकारियों को बचाया गया है. इस बाबत खण्डविकास अधिकारी रणजीत कुमार ने कहा कि मनरेगा डीसी के जांच में जिन्हें दोषी पाया गया है,उनके खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कराया गया है. वही क्षेत्राधिकारी बैरिया उमेश कुमार ने कहा कि विवेचना के दौरान साक्ष्य देखा जाएगा. अगर मृतक मजदूर के भुगतान के लिए पंचायत स्तर से मजदूरी भुगतान की डिमांड नही किया गया होगा तो उसे न्याय मिलेगा. लेकिन जांच में दोषी पाए जाने वालों को बख्सा नहीं जाएगा.