गाजीपुर। दिल्ली से कम पर्यावरण प्रदूषित नहीं है गाजीपुर में. यहां भी आसमान में धुंध है. लोगों को खांसी आ रही है. फेफड़े संक्रमित हो रहे हैं. गाजीपुर में ठोस अपशिष्ठ पदार्थों के अलावा पालिथीन एवं मेडिकल कचरा भी नगर पालिका के द्वारा जलाया जाता है. शहर के कुल दो दर्जन सार्वजनिक स्थानों पर नगर पालिका के कर्मचारी किरासन तेल डालकर कचरा जलाते हैं. इस प्रकार का आरोप समग्र विकास इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रज भूषण दूबे का है.
लगातार जिले के अधिकारियों को तहसील दिवस, जनता दर्शन एवं मेल से शिकायत करने पर जब कोई असर नहीं हुआ तो उन्होने गाजीपुर हमीद सेतु से सिंह हास्पीटल के बीच आधा किलो मीटर तक सडक के दोनों किनारों पर नगर पालिका द्वारा कचरा जलाने से हुये जहरीले वातावरण का वीडियो एवं चित्र नेशनल ग्रीन ट्रिव्युनल के अलावा राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी, मुख्यमंत्री एवं गाजीपुर के जिलाधिकारी को भेजकर कार्रवाई की मांग की गई है.
सोमवार को अपने सहयोगियों सहित ब्रज भूषण दूबे ने शहर के दर्जनों स्थानों का सर्वेक्षण किया, जहां नगर पालिका द्वारा फेंका गया कचरा जल रहा था. ऐसे कचरों में पालिथीन, कागज, ठोस अपशिष्ठ पदार्थ के अलावा मेडिकल कचरा भी था. मेडिकल कचरे में सिरिंज, रूई, खून से रंगी पटिट्यां, बाटल आदि थे. जमानियां मोड से आगे सिंह मेडिकल से लेकर गंगा सेतु तक सडक के दोनों ओर सांस लेने में न केवल खांसी आ रही थी, बल्कि संक्रमण से दम घुट रहा था.