संतोष शर्मा
बलिया। मां-बाप की चिता पर मासूम धनंजय ने जैसे ही मुखाग्नि दी, सब कुछ ठहर गया. गंगा की लहरें थम गयी. कुछ देर के लिए वातावरण खामोशी की चादर ओढ़ लिया. मौजूद हर शख्स की आंखें डबडबा गयी. किसी की जुबां से बोल नहीं निकल रहे थे.
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वाक्या दुबहर थाना क्षेत्र के बयासी गांव से जुड़ा है. बिहार राज्य के नाजीरगंज, सारण से परवल की लत्ती लेकर इलाहाबाद जा रहा डीसीएम बुधवार की रात गाजीपुर में दुर्घनाग्रस्त गया था, इस हादसे में पांच मजदूरों की मौत हो गयी थी. मृतकों में एक मजदूर बैरिया थाना क्षेत्र अंतर्गत उदईछपरा गांव निवासी विमला देवी पत्नी किशुन चौधरी थी, जिसका अंतिम संस्कार गाजीपुर में ही कर दिया गया.
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शेष चार मजदूर दुबहर थाना क्षेत्र के बयासी निवासी शिवकुमार साहनी पुत्र जगदीप साहनी व इनकी पत्नी राधिका देवी के अलावा विमला देवी पत्नी लल्लन साहनी शामिल है. इनका शव प्रधान संजीव कुमार मिश्र बिट्टू के सहयोग से गांव लाया गया. अंतिम संस्कार के दौरान शिवकुमार का 14 वर्षीय पुत्र धनंजय ने मां और पिता को मुखाग्नि दी. बता दे कि शिवशंकर के पांच संतानें हैं, जिसमें सबसे बड़ी बेटी नेहा 18 साल की है, जबकि सबसे छोटा पुत्र लवकुश छह साल का है. दूसरी बेटी संजलि 10 व बड़ा बेटा राजकुमार 16 साल का है. इन बच्चों की परवरिश कैसे होगी? कौन होगा इनका तारनहार? यह यक्ष प्रश्न है.