अपनों के बीच बड़ी शिद्दत से याद किए गए पूर्व मंत्री सपा नेता घूरा राम

रसडा (बलिया) से संतोष सिंह

पूर्व मंत्री सपा नेता घूरा राम की तेरहवीं पर पहाड़पुर स्थित उनके पैतृक आवास पर श्रद्धांजलि सभा अयोजित की गयीं. विभिन्न दलों के नेता समाजसेवी एवं प्रबुद्ध जनों ने उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित एवं माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित किया. उनके समर्थकों का देर रात तक पहुंच कर नमन करने का सिलसिला जारी रहा.

वक्ताओं ने इस मौके पर कहा की घूरा राम ने गरीब परिवार में जन्म लेने के बावजूद अपने मेहनत एवं कर्मों के द्वारा शून्य से शिखर तक पहुंच कर यह संदेश दिया कि सच्ची लगन और निष्ठा हो तो कोई भी मंजिल पायी जा सकती है. छात्र राजनीति से ही घूरा राम ने गरीबों मजलुमों की लड़ाई के लिये आवाज उठाई और संघर्ष करते रहे.

उन्होंने कभी भी दब कर राजनीति और अपने नीतियों के साथ समझौता नहीं किया. बसपा की नींव को मजबूत करने वाले घूरा राम ने वहां सम्मान न मिलने पर उस पार्टी को त्याग कर सपा में आस्था व्यक्त किया. उनके पुत्र स्कूल के प्रबन्धक डॉ. संतोष कुमार ने कहा कि उनकी इच्छा थी की शिक्षा के क्षेत्र में क्षेत्र को अग्रणी किया जाय. उनके द्वारा स्थापित विद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में जनपद ही नहीं, प्रदेश में अग्रणी बनाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

इस मौके पर पूर्व मंत्री नारद राय, रियाजुद्दीन रिजवी, राजमंगल यादव, संग्राम सिंह, मिठाई लाल भारती, नुरुल बशर अंसारी, बदरुदुजा उर्फ बबलू अंसारी, विद्या शंकर यादव, चन्द्रशेखर सिंह, बीरबल राम, डॉ रामआसरे अम्बेडकर, मतलूब अख्तर, राघवेन्द्र भारती, डॉ वीरेंद्र भारती, गुलजार अहमद, प्रमोद कुमार, संजय कुमार आदि लोग उपस्थित रहे. उनके अनुज पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि सुभाष राम ने सबका आभार व्यक्त किया.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी वीडियो कॉलिंग के द्वारा श्रद्धांजलि सभा में भाग लिया. उन्होंने कहा कि राजनीति में अपने विचारों से कभी समझौता नहीं करने वाले महान हस्ती थे घूरा राम जी, गरीबों मजलुमों ने एक मसीहा खो दिया. कहा कि लॉकडाउन की वजह से श्रद्धांजलि सभा में शामिल नहीं हो पाया, लेकिन लॉकडाउन खत्म होने पर आऊंगा.

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