मोक्ष की कामना को लेकर श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान के बाद महर्षि भृगु व दर्दर मुनि के किए दर्शन

बलिया. कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर गंगा तमसा के संगम तट पर भृगु क्षेत्र मे़ स्नान का पुण्य लाभ लेने के लिये लाखों श्रद्धालुओं का रेला सोमवार की देर रात से ही गंगा तट की तरफ निकल पड़ा था। लाखों लोगों की भीड़ को नियंत्रित करते हुए सुरक्षित स्नान कराने के लिए पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में पूरा पुलिस महकमा लगा रहा।

पुलिस विभाग की डॉग और बम स्क्वाड की टीम तत्पर दिखी। संदिग्ध दिखने वाली प्रत्येक वस्तु की जांच की गयी। 5 -6 लाख श्रद्धालु गंगा में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।

मुख्य स्नान श्रीरामपुर घाट पर हुआ। श्रद्धालुओं की सहायता के लिये जगह जगह राहत शिविर लगाये गये थे।

इन शिविरों के माध्यम से एक तरफ जहां लोगों को चाय पिलायी जा रही थी, तो दूसरी तरफ भीड़ मे गुम होने वालों को मिलाने का भी काम किया जा रहा था।
गंगा में स्नान करने के बाद हर श्रद्धालु सीधे भेरुजी मंदिर की ओर प्रस्थान कर रहे थे महर्षि भृगु जी प्रबंधक कमेटी की ओर से श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए समुचित व्यवस्था की गई थी। पुरुष श्रद्धालुओं के लिए मुख्य द्वार से प्रवेश करने की थी जबकि महिलाओं को पूरा के रास्ते प्रवेश करने की व्यवस्था की गई थी। किसी प्रकार की कोई दूर व्यवस्था ना हो इसके लिए मंदिर परिसर में धाम मंदिर के अंदर भी पुरुष एवं महिला पुलिस की ड्यूटी लगाई गई थी।

 

भारी भीड़ को देखते हुए स्वयंसेवक संस्थाएं भी मंदिर में सक्रिय देखी गई एनसीसी और एनएसएस के बच्चे भी दर्शनार्थियों को शुभम रास्ते से पहुंचाने और निकालने का काम कर रहे थे।

 

सेवा शिविर के माध्यम से लोगों को उचित राय एवं परामर्श दिया जा रहा था भृगु जी मंदिर के सामने पूर्व मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला के सहयोगी शिविर लगाए हुए थे।

 

वहीं पर समाजवादी सेवा शिविर शशिकांत चतुर्वेदी के नेतृत्व में लगाया गया था जहां लोगों को बाएं से चलने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान के बाद महर्षि भृगु का जलाभिषेक करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)

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