उर्वरक के नाम पर समितियां ठन ठन गोपाल, किसान हलकान

रसड़ा(बलिया)। गेंहू सहित दलहनी फसलों की बुआई शुरू है. साधन सहकारी समितियों एवं सरकारी गोदामों पर खाद व बीज की अनुपलब्धता से किसान परेशान है. किसान बाजार से महंगे दाम पर खाद खरीदने पर मजबूर है. किसानों को डीएपी, डाई व यूरिया खाद नही मिलने से अधिकांश किसानों का गेंहू की बुआई अभी शुरू नहीं हो सका है. खाद की कीमतों को कम कर किसानों की हितैसी बनने वाली सरकार में डीएपी सहित यूरिया सरकारी गोदामो से नदारद है. खाद की अनुपलब्धता से किसान परेशान एव हलकान है. किसान मुड़ासन निवासी अनिल कुमार सिंह ने कहा की डीएपी एव यूरिया की इस समय भारी किल्लत है. जिससे गेंहू की खेत पटाने के बावजूद खाद के अभाव में बुआई नही हो पा रही है. डेहरी निवासी राजा प्रताप सिंह उर्फ राजू सिंह ने आरोप लगाया की किसानों को प्रकृति के साथ साथ सरकार की गलत नीतियों के कारण दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. डीएपी खाद के अभाव में किसान बिना खाद के ही बुआई करने पर मजबूर है. समाज सेवी सूर्यकान्त यादव ने कहा की गेंहू की बुआई का समय है. किसान खाद बीज के लिये परेशान है. सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की खोखला दावा कर किसानों को बेवकूफ बनाने में लगी है. किसान लक्ष्मीकरण सिंह उर्फ सोनू, शिवेन्द्र विक्रम सिंह, आशुतोष कुमार सिंह, सोनू पाण्डेय, रामनरायण यादव, आदि किसानों ने तत्काल खाद बीज उपलब्ध कराने की मांग किया.

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