सामाजिक क्रान्ति के जनक थे सन्त नारायण गुरु

बलिया। सामाजिक क्रान्ति के महान सन्त नारायण गुरू की 161वीं जयन्ती की पूर्व संध्या पर गुरुवार को बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर संस्थान कलेक्ट्रेट कम्पाउण्ड में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया.

इसे भी पढ़ें – जानिए बृहस्पतिवार को जिले में क्या क्या हुआ

कार्यक्रम का शुभारम्भ बुद्ध वन्दना से हुआ. सर्वप्रथम क्रान्तिकारी सन्त नारायण गुरु की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया गया. वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में कहा कि श्री नारायण गुरू का जन्म 26 अगस्त 1855 में केरल प्रान्त के चेम्पाझांसी ग्राम में हुआ था. इनके पिता का नाम मदन आसन्न एवं माता का नाम कुट्टघी अम्मा था. ये बचपन से ही कुशाग्र  बुद्धि के थे. जिस समय इनका जन्म हुआ था, केरल प्रान्त में भयंकर छुआछूत, ऊंच-नीच का बोलबाला एवं अन्धविश्वास से दलित, पिछड़े समाज की स्थिति अत्यन्त दयनीय थी.

इसे भी पढ़ें – देर रात कमिश्नर पहुंची दुबेछपरा रिंग बांध पर

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE         

इस कार्यक्रम में लक्ष्मी नारायण चैहान द्वारा नारायण गुरू के जीवनवृत्त पर विस्तृत प्रकाश डाला. तथा सतीश चन्द्र घुसिया, सुरेन्द्र निषाद, राजन कन्नौजिया, संजय चैहान  आदि ने अपने-अपने विचार व्यक्त किया. सभा की अध्यक्षता संस्थान के संस्थापक एस प्रताप वैद्य तथा संचालन वकील राम ने किया.

इसे भी पढ़ें – दुबे छपरा रिंग बांध वेंटिलेटर पर, भगदड़ सरीखे हालात

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE