बलिया. जनपद में जलभराव की समस्या को लेकर माननीय सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक की.
बैठक के दौरान उन्होंने ग्रामीण इलाकों में जलभराव की समस्या के संबंध में अधिकारियों से जानकारी हासिल की. उन्होंने बैरिया के भांगड़ नाला के संबंध में अधिकारियों से पूछताछ की और कहा कि इस नाले के उचित रखरखाव से जल भराव की समस्या से काफी हद तक निजात पाया जा सकता है.
जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद के सभी जलाशयों को अमृत जलाशय योजना के अंतर्गत शामिल किया जाए और मनरेगा, क्षेत्र पंचायत, नगर पंचायत के वित्त से इनका रखरखाव किया जाए.
माननीय सांसद ने कहा कि जिन क्षेत्रों में जल भराव की समस्या अधिक रहती है वहां पर सिंघाड़ा और मछली पालन जैसा व्यवसाय किया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि श्रमदान करा कर तथा वन विभाग का सहयोग लेकर जलाशयों के किनारे पेड़ पौधे लगाए जाए. जिससे मिट्टी की कटान रुकेगी और जलभराव की समस्या भी कम होगी.
उन्होंने कटहल नाला पर हुए अब तक के कार्यों के बारे में जानकारी हासिल की.कहा कि इस नाले हेतु धन का आवंटन किया जा चुका है. कटहल नाला में अन्य छः नाले आकर मिलते हैं जिसके कारण बारिश के समय में यह विकराल रूप धारण कर लेता है और आसपास के क्षेत्रों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. उन्होंने कटहल नाले को बारिश से पहले रखरखाव कर लेने का निर्देश दिया.
सांसद मस्त ने सुरहाताल में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर उसके पानी को शुद्ध करके नगरों में भेजने की योजना पर भी बातचीत की. साथ ही उन्होंने प्राकृतिक खेती में लाल चावल की खेती पर जोर दिया. उनका कहना था कि जिन क्षेत्रों में जलभराव की समस्या होती है वहां पर लाल चावल की खेती बहुत अच्छी होती है. कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि लाल चावल की खेती से ना केवल किसान की आय बढ़ेगी अपितु लोगों को एक विशेष प्रकार का भोजन मिलेगा.
इस समीक्षा बैठक में जिला अधिकारी इंद्र विक्रम सिंह, मुख्य विकास अधिकारी प्रवीण वर्मा, जिला विकास अधिकारी के अतिरिक्त सिंचाई और कृषि विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे.
(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)