बलिया। जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य महकमे को निर्देश दिया कि ज्यादा से ज्यादा प्रसव सरकारी अस्पतालों में ही हो. यह तभी सम्भव होगा जब हमारे सीएचसी व पीएचसी के डॉक्टर अपने कर्तव्य को समझेंगे. अपने अस्पताल की व्यवस्था ऐसा करें कि जनता को सरकारी अस्पतालों पर भरोसा हो.
गुरुवार की देर शाम जिला स्वास्थ्य समिति की चली मैराथन मीटिंग में डीएम ने कहा कि सरकार हर गरीब तक बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए कार्य कर रही है. जरूरी है सभी सरकारी डॉक्टर अपने अस्पताल की व्यवस्था बेहतर बनायें. सीएमओ डॉ. पीके सिंह को निर्देश दिया कि अपने चिकित्साधिकारियों पर और चिकित्साधिकारी अपने अधीनस्थों पर नकेल कसें. बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत 16 योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की. खराब प्रगति वाले चिकित्साधिकारियों को फटकार लगाते हुए सुधार लाने के लिए एक माह का अल्टीमेटम दिया.
जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा में जिला महिला चिकित्सालय, नगरा, सराय भारती, बांसडीह व सीयर में प्रसव की संख्या काफी कम होने पर डीएम ने नाराजगी जताई. यहां के प्रभारी चिकित्साधिकारियों को एक-एक कर खड़ा कराकर कारण जाना. बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत स्कूलों में बच्चों का लगातार परीक्षण कराने पर जोर दिया. परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत नसबन्दी कम होने पर कहा कि कैम्प लगाकर प्रगति बढ़ाएं. टीकाकरण में खराब प्रगति वाले ब्लाक दुबहड़, नगरा, रसड़ा, मनियर को फटकारते हुए सचेत किया कि इतने महत्वपूर्ण कार्यक्रम में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई हो जाएगी. मातृ शिशु कार्यक्रम, अन्धता निवारण कार्यक्रम, पीसीपीएनडीटी, एनबीएनसी की प्रगति की भी समीक्षा हुई.
बैठक में सीएमओ ने कहा कि बैठक में दिए निर्देशों का पालन करते हुए सब मिलकर प्रगति में सुधार लाएं. जिलाधिकारी को अवगत कराया कि बार-बार कहने के बावजूद कार्यदायी संस्थाएं निर्माण कार्य समय से पूरा नहीं कर रही हैं. डीएम ने इस सम्बन्ध में पत्र बनवाने को कहा. बैठक में सीडीओ संतोष कुमार, डीपीएम मनोज कुमार, सीएमएस महिला डॉ. सुमिता सिंह के अलावा सभी चिकित्साधिकारी मौजूद रहे.