बलिया लाइव ब्यूरो
बलिया। जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने गंगा एवं घाघरा नदी के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का शुक्रवार को तूफानी दौरा किया. उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य को युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए. उन्होंने कटान के संवेदनशील स्थानों पर तत्काल सुरक्षा के मुकम्मल उपाय करने का निर्देश सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के अभियंताओं को दिया.
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जिलाधिकारी ने खुद अपने कैमरे से फोटो खींचा
जिलाधिकारी सबसे पहले गायघाट पचरूखिया पहुंचकर कटानस्थल का जायजा लिया. वहां पर सुरक्षा के उपाय तत्काल करने का निर्देश एक्सईएन बाढ़ को दिया. जिलाधिकारी ने कटानस्थल पर अपने कैमरे से फोटो भी लिया. अधिशासी अभियंता ने बताया कि 32 सेमी गंगा नदी का जलस्तर बढ़ा है. जिलाधिकारी ने इस संवेदनशील स्थान पर बालू की बोरियां एवं अन्य उपायों को करने का निर्देश दिया. इसके बाद जिलाधिकारी दूबे छपरा रिंग बन्धे का निरीक्षण किया. बताया गया कि इस बांध से चार-पांच गांव की सुरक्षा होती है. उन्होंने गांव वालों से बात करके तथा मौके पर स्थिति को देखकर क्रेट और अन्य मजबूत स्ट्रक्चर लगाने के निर्देश एक्सईएन को दिया.
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फतेह राय के टोला में पांच सौ परिवार प्रभावित
जिलाधिकारी ने घाघरा नदी से प्रभावित फतेह राय के टोला रिंग बांध का मौके पर निरीक्षण किया. बताया गया कि यहां के करीब पांच सौ परिवार बाढ़ से प्रभावित है. जिलाधिकारी ने लेखपाल को गांव में कैम्प करने और जनता को राहत पहुंचाने का निर्देश दिया. उन्होंने इस गांव की टूटी सड़कों की मरम्मत कराने को कहा. जिलाधिकारी ने घाघरा नदी से प्रभावित ग्राम चक्की, चांददियर का भी मौके पर जायजा लिया और एसडीएम अरविन्द कुमार को राहत एवं बचाव कार्य शुरू कराने का निर्देश दिया.
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डीएम ने मांझी पुल से बाढ़ का जायजा लिया
उन्होंने मांझी पुल पर जाकर बाढ़ की स्थिति को देखा. इसके बाद वे अठगांवा, इब्राहिमाबाद नौबरार में रिंग बांध को देखा. उन्होंने बाढ़ विभाग के सहायक अभियंता को कटानस्थल पर सुरक्षा के पुख्ता उपाय करने का निर्देश दिया. मौके पर इस रिंग बांध के किनारे बालू की बोरियां डाली जा रही थी. जिलाधिकारी ने बाढ़ से राहत एवं बचाव कार्य में आरईएस, लोनिवि एवं अन्य इंजियरिंग विभागों के अभियंताओं को अपने संसाधनों के साथ लग जाने का निर्देश दिया. इसी गांव में दूसरी जगह पर भी कटानस्थल पर निरीक्षण के दौरान गांव वालों ने राशन वितरण कराने की मांग की. जिलाधिकारी ने लेखपाल को राशन का वितरण कराने तथा नाव, सुरक्षा आदि के प्रबन्ध तत्काल करने का निर्देश दिया.
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जयप्रकाशनगर में डॉक्टर और स्टाफ नहीं रहते
जिलाधिकारी जयप्रकाशनगर पहुंचे तो वहां गांव के ग्राम प्रधान रूबी सिंह एवं अन्य गांव वालों ने शिकायत किया कि सीएचसी पर कोई डॉक्टर और स्टाफ नहीं रहता है. गांव वालों ने एम्बुलेंस की व्यवस्था कराने की मांग की. जिलाधिकारी ने मौके से ही सीएमओ से बात करके डॉक्टर और स्टाफ आवश्यक दवाएं एवं एम्बुलेंस की तत्काल व्यवस्था करने का निर्देश दिया. इसी गांव के पास बाढ़ से घिरे एक मजरे में पशुओं के लिए चारा, दवा आदि की व्यवस्था कराने की मांग पर जिलाधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को मौके पर ही फोन करके ये सारी व्यवस्था करने का निर्देश दिया. उन्होंने बाढ़ से घिरे लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने के लिए नाव की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश एसडीएम को दिया.
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आपदा के समय लेखपाल नदारद रहते हैं
गांव वालों ने शिकायत किया कि लेखपाल त्रिलोकी सिंह इस आपदा के समय में भी नही आते हैं. जिलाधिकारी ने लेखपाल के विरूद्ध कार्रवाई करने का निर्देश एसडीएम को दिया. साथ ही बाढ़ चौकी की व्यवस्था करने को भी कहा. जिलाधिकारी हृदयपुर गांव पहुंचे और वहां लोगों से बातचीत करके स्थिति की जानकारी ली. गांव वालों ने राशन और प्रकाश के लिए जेनरेटर की व्यवस्था कराने व बाढ़ से नुकसान के मुआवजे की भी मांग की. जिलाधिकारी ने सारी व्यवस्था कराने का निर्देश एसडीएम को दिया। साथ ही नुकसान का आकलन करके उसकी रिपोर्ट भी देने का निर्देश दिया.
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बाढ़ प्रभावित ग्रामों में लगाई गई पर्याप्त नावें
बलिया जिले के बाढ़ प्रभावित गांवों में पर्याप्त नावों को लगा दिया जाएगा गया है. जरूरत पड़ने पर और भी नावों की व्यवस्था की जाएगी. सदर तहसील क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित में 59 नावें लगाई गई है. बैरिया तहसील में 91 नाव, बांसडीह में 58 नाव सहित कुल 208 नाव लगायी गयी है.
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