बलिया। शुक्रवार को धनतेरस के अवसर पर बाजार की रौनक को देखते हुए एक बार फिर यह प्रमाणित हो गया कि श्रद्धा तथा परम्परा ने महंगाई को बुरी तरह पराजित कर दिया है. एक तरफ जहां मिट्टी के दियों के प्रति महिलाओं की ललक देखी गई. वहीं ज्वेलरी तथा बर्तन की दुकानों पर पुरुषों से अधिक महिलाओं की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.
धनतेरस के दिन युगों-युगों से चली आ रही परम्परा का ही परिणाम है कि झोपड़ी से लेकर महलों में रहने वाले सभी परिवार छोटा-बड़ा बर्तन जरूर खरीदते हैं. गहने तो खैर वहीं लोग खरीद पाते हैं जिनकी जेब भारी है, लेकिन आम लोग कहीं से भी व्यवस्था कर एक चांदी का सिक्का खरीदने का जरूर प्रयास करते हैं. जो अत्यन्त गरीब वर्ग है, वह एक चम्मच ही सही लेकिन कुन न कुछ खरीदता अवश्य है. शुक्रवार को नगर की स्थिति ऐसी थी कि पैदल चलना भी दूभर था.
धनतेरस के मौके पर शुक्रवार को बलिया बाजार में भारी भीड़ थी. लोगों को सड़कों पर जाम का सामना करना पड़ा. सर्राफा की दुकानों में भी महिलाओं ने सोने चांदी के जेवरात की जमकर खरीदारी की. गणेश लक्ष्मी की प्रतिमाओं की दुकानों पर भी भारी भीड़ देखने को मिली. बच्चों ने रामलीला मैदान में लगाई गई अस्थाई पटाखा बाजार में भी जमकर खरीदारी की. इस मौके पर सिविल पुलिस के अलावा ट्रैफिक पुलिस की जगह जगह व्यवस्था की गई थी. भारी वाहनों का बाजार में प्रवेश वर्जित था.