
बलिया। बलिया जनपद के इतिहास में पहली बार किसी के स्टिंग ऑपरेशन पर सरकारी संस्थान को सीज़ करने की घटना प्रकाश में आई है. जिलाधिकारी बलिया के निर्देश पर नगर मजिस्ट्रेट बलिया आरजी सिंह ने आईटीआई बलिया का कार्यालय सीज़ कराया.
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जानकार सूत्रों के मुताबिक बलिया शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के हरपुर निवासी रोहित कुमार चौबे पुत्र गुप्तेश्वर चौबे ने स्टिंग ऑपरेशन में साल में दो बार आईटीआई में प्रवेश के लिए होने वाली परीक्षा में कार्यवाहक प्राचार्य अजय कुमार यादव समेत संयुक्त निदेशक कार्यालय आजमगढ़ के बाबू मनीष मल्ल, आईटीआई बलिया के कई अध्यापकों और प्राइवेट आईटीआई के आधा दर्जन से अधिक प्रबंधकों के एडमिशन में की जाने वाली अवैध वसूली को बेनकाब कर दिया है.
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बताया जाता है कि इस रैकेट द्वारा प्रवेश के नाम पर प्रति छात्र 800 रुपये की दर से वसूली कर अब तक ढाई करोड़ से ज्यादे का वारा न्यारा किया गया है. रोहित चौबे ने उपलब्ध डीवीडी में सभी की पोल पट्टी खोलकर रख दी है. इस रैकेट में शामिल अन्य लोगों में आईटीआई बलिया के वीरेंद्र सिंह यादव, राजेश सिंह, रमेश कुमार यदुवंशी, अजय कुमार यादव, अरुण कुमार मिश्र, मुस्कान आईटीआई के प्रबंधक रवि कृष्ण सिंह, राम चीज आईटीआई के प्रबंधक रामविलास यादव, बीआरएस आईटीआई के प्रेमशंकर मिश्र, सुभावती देवी आईटीआई के जयप्रकाश सिंह यादव, कुसुम आईटीआई के पुष्पेंद्र सिंह, पंडित शिवानन्द आईटीआई के पिंटू सिंह, राजीव गांधी आईटीआई के अभिमन्यु सिंह, जेआरएस आईटीआई के लल्लन, नीलम आईटीआई के गोपाल जी गुप्ता, विजयानन्द आईटीआई के विजयानन्द , एसएलएस आईटीआई के प्रबंधक, बिरजा सिंह आईटीआई के अरविन्द सिंह, राष्ट्रनायक चंद्रशेखर के प्रबंधक रमापति सिंह, आईटीआई के आदित्य प्रताप, माँ कात्यायनी आईटीआई के प्रबंधक मृत्युंजय चौबे का नाम शामिल है.
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बहुत बढ़िया जरूरी रहल ह