वाराणसी व गोरखपुर के बीच ट्रेनों का संचालन बंद होने से अफरा-तफरी का माहौल
निर्णय पर पुनर्विचार करने की मांग
बिल्थरारोड (बलिया). देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा क्षेत्र गोरखपुर के बीच सरकार द्वारा चलाई गई 15129/15130 नंबर की इंटरसिटी कुहासा का कारण दिखाकर तीन माह के लिए बीते 1 दिसंबर से फरवरी के अंत तक अचानक बंद कर दिया गया.
डीआरयूसीसी के सदस्य एडवोकेट देवेंद्र कुमार गुप्ता ने सख्त ऐतराज करते हुए कहा है कि सभी को पता है कि अपने इस क्षेत्र में एक तो दिन में कुहासे का दूर दूर तक कोई असर नहीं होता. दिन की अवधि में गोरखपुर से प्रातः 9.55 तथा वाराणसी सीटी से 11.30 बजे से इंटरसिटी ट्रेन मात्र 5 घंटे के बीच संचालित होने की समय सारिणी निर्धारित है जो रेल अधिकारियों के मनमानी तथा सरकार को बदनाम करने वाला निर्णय है. इसके साथ ही वाराणसी भटनी रेल लाइन की इकलौती 14005/14006 नंबर की लिच्छवी एक्सप्रेस ट्रेन का संचालन भी प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी तीन माह के लिए रोक दिया गया है.
इसके बंद होने की बात तो कुछ समय के लिए समझ में आती है हालांकि इस इकलौती लिच्छवी ट्रेन को भी नही रोकना चाहिए. ऐसा नहीं है कि दिल्ली से कुहासे के बाद भी लम्बी दूरी की ट्रेनें नही चलाई जाती. रेल प्रशासन की नजर क्यों इसी इकलौती ट्रेन पर ही है.
गुप्ता ने रेल अधिकारियों से कहा है कि पीएम व सीएम के क्षेत्र को जोड़ने वाली इंटर सीटी को जनहित में तत्काल चालू करे, ताकि सरकार की बदनामी न हो सके.
बिल्थरारोड से उमेश कुमार गुप्ता की रिपोर्ट