बलिया. राजनीति में नेता-जनता में मूलतः मालिक-नौकर के रिश्ते जैसा कुछ नहीं होता. आदर्शतः एक नेता व जनता का सम्बंध परिवार की तरह होता है. वह उसी मुखिया की तरह सर्व समाज का ख़्याल रखता है. कभी-कभी वह उन्हें ग़लतियों के लिए ज़िम्मेदार ठहराता है, कभी माफ भी करता है. कभी उनको नाखुश करता हैं तो कभी स्नेह का एहसास भी कराता है. स्व. पंडित बच्चा पाठक जिन्हें क्षेत्र के लोग सामान्यतः ‘बाबा’ कहकर ही पुकारते थे. उन्होंने भी जीवन को इसी उपर्युक्त ढर्रे पर जिया…. चाहें गांव, क्षेत्र की जनता हो या विद्यालय परिवार हो वो हर एक की सहायता को हमेशा तत्पर रहते थे. वह लगते थे तो पूरे मनोयोग और मजबूती से लगते थे. वह जो ठान लेते थे, मजाल नहीं कि कोई अवरोध उनका रास्ता रोक दे. हम कह सकते हैं कि बाबा कद्दावर और करिश्माई व्यक्तित्व के स्वामी थे.
उक्त बातें वक्ताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री एवं बांसडीह विधानसभा क्षेत्र से सात बार विधायक रहे शेरे पूर्वांचल बच्चा पाठक के पांचवीं पुण्य तिथि के अवसर पर कदम चौराहा के परिसर में कही सभी दल पार्टी के नेताओं ने कार्यक्रम के संयोजक सियाराम यादव एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता वीरेन्द्र कुमार पाठक टुनजी के नेतृत्व में स्वर्गीय बच्चा पाठक के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके स्मृतियों को याद करते हुए दीप प्रज्जवलित कर किया.
इस अवसर पर , राजनाथ यादव,विजय शंकर राय, सौरभ पाठक, शशिकांत चतुर्वेदी, पूर्व ब्लाक प्रमुख ज्ञानेंद्र राय गुड्डू, जितेन्द्र राय,भाजपा के नेता नकुल चौबे, कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष अवध विहारी चौबे,सभासद ददन यादव, पवन गुप्ता, जिला पंचायत सदस्य अवधेश राय, गणेश पांडेय , अभिषेक सोनी,अपना दल के नेता राहुल, अम्बादत पांडेय, अनिल गुप्ता, भाजपा के नगर अध्यक्ष सोनी तिवारी आदि मौजूद रहे.
(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)