दुबहड़(बलिया)। शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा में आदर्श रामलीला कमेटी द्वारा शनिवार की रात अंगद रावण संवाद का सफल मंचन किया गया. कलाकारों के अभिनय को देखने एवं सुनने के लिए क्षेत्र के विभिन्न गांवों के लोग घंटों जमें रहे.
रामलीला मंचन में भगवान श्रीराम के दूत अंगद रावण के सोने की सजे धजे दरबार में पहुँचकर लंकेश को ललकारते हुए कहा कि ऐ रावण तुम्हारी भलाई इसी में है कि माता सीता को अविलम्ब प्रभु श्रीराम को वापस कर दो. इस बात पर लंकेश क्रोधित होकर चिल्लाते हुए कहा कि अपने सामर्थ्य में रहते हुए पूंछ हिलाना बन्द करो. अपने स्वामी श्रीराम से कह देना कि किसी भी कीमत पर जानकी को नहीं लौटाउंगा. इस बात पर अपने सामर्थ्य को बताते हुए अंगद अपना पैर जमीन पर जमाकर कहे कि मेरा पैर उठाना तो दूर यदि कोई मेरे पैर को हिला भी देगा तो माता सीता की सौगंध खाकर कहता हूँ मैं सीता को छोड़कर चला जाउंगा. इतने पर रावण अपने सिंहासन से उठकर अंगद का पैर उठाना चाहा. तब अंगद अपना पैर पीछे खींचते हुए कहा कि ऐ घमंडी रावण! तुम्हें एक दूत का पैर पकड़ते हुए लज्जा नहीं आ रही है. यदि चरण स्पर्श ही करना है तो प्रभु श्रीराम का चरण स्पर्श करो. तुम्हारा कल्याण एवं उद्धार हो जाएगा. इस बात पर रावण का सिर शर्म से झुक गया.
रामलीला मंचन में राम के भूमिका में नितिन तिवारी, रावण नंदलाल पाठक, लक्ष्मण आशीष पाठक, अंगद राधेश्याम पाठक ने अपना अपना सफल किरदार निभाया. इस अवसर पर राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिवाजी पाठक, गीतकार बब्बन विद्यार्थी एवं समाजसेवी उमाशंकर पाठक ने कलाकारों को पुरस्कृत कर उनका उत्साह वर्धन किया. इस अवसर पर राजनारायण पाठक, जयप्रकाश पाठक, अजीत पाठक, जागेश्वर मितवा, शिवशंकर यादव, अनिल पाठक, राकेश पाठक एवं पूर्व प्रधान भुवनेश्वर पासवान, संजित यादव आदि उपस्थित रहे.