LIVE VIDEO संगीन पे धरकर माथा, सो गए अमर बलदानी, जो शहीद हए हैं उनकी, जरा याद करो कुबानी

पुलिस लाइन हेलीकाप्टर से लाया गया शहीद का पार्थिव शरीर, राजकीय सम्मान के साथ की गई अंत्येष्टि

बलिया। चितबड़ागांव थाना क्षेत्र के उसरौली गांव निवासी सीआरपीएफ जवान मनोज कुमार सिंह (35 साल) का पार्थिव शरीर बुधवार को देर शाम हेलीकाप्टर से पुलिस लाइन बलिया लाया गया. राज्यमंत्री उपेन्द्र तिवारी के नेतृत्व में शहीद की शव यात्रा उसरौली गांव के लिए रवाना हुई. उनके साथ सीआरपीएफ की एक टीम मौजूद रही.

उसरौली निवासी मनोज कुमार सिंह नक्सली हमले में मंगलवार को सुकमा में शही हो गये थे. इस हमले में सीआरपीएफ के नौ जवान शहीद हुए थे. उनके शहीद होने की खबर पाकर सीआरपीएफ से ही अवकाश प्राप्त कर चुके मनोज के पिता नरेन्द्र नारायण सिंह टूट से गए हैं. उनकी आंखें रोते-रोते पथरा गई हैं. घर के अंदर शहीद मनोज कुमार पत्नी दहाड़े मारकर रो रही थी. घटना के बाद शहीद के आवास पर आसपास लोगों की भीड़ जमी थी. बुधवार की देर शाम जब शहीद का शव तिरंगे में लपेट कर गांव पहुंचा तो शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. परिजन दहाड़े मारकर रोने लगे. शहीद की पत्नी की स्थिति बेहद खराब थी. मनोज कुमार सिंह के दो बेटे प्रिंस (छः वर्ष) व प्रतीक (चार वर्ष) हैं. 

उल्लेखनीय है कि मनोज कुमार सिंह 15 दिन की छुट्टी बिताकर 10 मार्च को ही ड्यूटी के लिए घर से रवाना हुए थे. लोगों का कहना था कि हम लोगों को कहा पता था कि मनोज कुमार सिंह इसके बाद घर नहीं लौटेगा, उसके स्थान पर उसका शव ही पहुंचेगा, जबकि मनोज अपना अलग मकान बनाने की योजना बनाकर ड्यूटी पर गए थे. शहीद की पत्नी सुमन सिंह बार-बार बेहोश हो जा रही है. पूरे उसरौली गांव में सन्नाटा छाया हुआ है.

हमारे वाराणसी प्रतिनिधि के मुताबिक छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में मंगलवार को नक्सलियों के हमले में पूर्वांचल के मऊ जिले के भेड़ियाघर गांव निवासी धर्मेंद्र यादव व बलिया जिले के उसरौली/फिरोजपुर निवासी मनोज सिंह शहीद हो गए थे. दोनों जवानों का शव बुधवार को एयर इंडिया के विमान से 2.50 बजे हवाई अड्डे पर पहुंचा हवाई अड्डे पर पहुंचा. एयरपोर्ट पर दोनों शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के भीड़ उमड़ पड़ी. इस मौके पर वाराणसी के आला प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा सीआरपीएफ 95 बटालियन के कमांडेंट उदय प्रताप सिंह, असिस्टेंट कमांडेंट आर पी सिंह और सीआईएसएफ के डिप्टी कमांडेंट सुब्रत झा के साथ अन्य लोगों ने जवानों के शव पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी. इसके बाद हेलीकॉप्टर के समय से ना आने पर लगभग 2 घंटे तक इंतजार करना पड़ा. हेलीकॉप्टर आने के बाद जवानों के शव को शाम 4.45 बजे हेलीकॉप्टर द्वारा शहीदों के पैतृक गांव रवाना किया गया.

This post is sponsored by ‘Mem-Saab & Zindagi LIVE’