डीएम ने कहा, अस्पतालों की व्यवस्था हो दुरूस्त
बलिया। जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने कहा कि सभी अस्पतालों व एएनएम सेंटरों पर व्यवस्था दुरूस्त करें. ओटी व ओपीडी में पर्याप्त रोशनी व पंखे आदि के साथ बेहतर चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित कराते हुए जन स्वास्थ्य हित में काम करें. संचालित सभी योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर ढ़ंग से हो.
मंगलवार की शाम कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में जिलाधिकारी ने दिये. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की समस्त योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान कई प्रभारी चिकित्साधिकारी व एसीएमओ के गायब होने के कारण जेएसवाई, टीकाकरण, क्षय रोग नियंत्रण समेत कई योजनाओं की समीक्षा नहीं हो पाई. इस पर नाराज जिलाधिकारी ने समिति के अधिकांश अधिकारियों के साथ अलग से हफ्ते दिन बाद फिर बैठक करने का निर्देश दिया. निर्माण कार्यों में धन खर्च के बावजूद कई काम पूरा नहीं होने की बात संज्ञान में आने पर इसकी भी बैठक अलग से करने को कहा.
कई न्यू प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चार्ज अफसर की जानकारी तक नही दे पाने पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताई. कहा कि शीघ्र किसी डॉक्टर को खाली पड़े उपकेंद्र का प्रभार दिया जाए. यह भी निर्देश दिया कि सभी प्रभारी यह सुनिश्चित कर लें उनके अस्पताल परिसर में किसी प्रकार का अतिक्रमण तो नही ?
बैठक में सीडीओ संतोष कुमार, सीएमओ डॉ. एसके तिवारी, डीपीओ बब्बन मौर्य, सीएमएस महिला डॉ. सुमिता सिंहा, डीपीएम मनोज कुमार, डीसीपीएम अजय पांडेय आदि मौजूद रहे.
दो दिन के अंदर भुगतान नहीं तो कराएं एफआईआर
जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में ब्लाक प्रोजेक्ट मैनेजरों ने करीब एक साल से सेवा प्रदाता कम्पनी द्वारा वेतन नहीं मिलने की समस्या बताई. इस पर जिलाधिकारी ने सीएमओ ने गहन पूछताछ की. सीएमओ ने बताया कि मार्च, 2017 तक का भुगतान सेवा प्रदाता कम्पनी को कर दिया गया है, लेकिन वहां से भुगतान नहीं हो रहा. इस पर जिलाधिकारी ने कहा कि मार्च तक की उपस्थिति की जांच कर ली जाए. सीएमओ को निर्देश दिया कि अगर ब्लॉक प्रोजेक्ट मैनेजरों की मार्च की उपस्थिति का सत्यापन प्रभारी चिकित्साधिकारी द्वारा किया गया है तो इनको दो दिन के अंदर भुगतान कराया जाए. बावजूद इसके प्रदाता कम्पनी ने भुगतान नहीं किया तो उसके उपर गबन का मुकदमा पंजीकृत कराएं. आपत्ति जताते हुए कहा कि साल भर से काम कर रहे बीपीएम का वेतन नहीं मिलना बडी लापरवाही है.
आरबीएसके योजना के नोडल का स्पष्टीकरण
समीक्षा के दौरान बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना (आरबीएसके) के नोडल अधिकारी डॉ. हरिनंदन प्रसाद की गलत रिपोर्टिंग पकड़े जाने पर जिलाधिकारी ने उनका स्पष्टीकरण तलब किया. स्कूलों में जांच टीम द्वारा जांच किये जाने सम्बन्धी विवरण देने के बाद जिलाधिकारी ने सवाल किया कि जब सभी गाड़ियां चली ही नहीं, तो फिर शत प्रतिशत जांच कैसे हुई. चेतावनी दी कि योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही पर बड़ी कार्रवाई होगी. वाहनों के टेंडर प्रक्रिया जल्द कराने का निर्देश दिया. कहा कि मुख्य कोषाधिकारी, एआरटीओ व स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी की टीम की देखरेख में वाहनों की टेंडर प्रक्रिया हो. पिछले वित्तीय वर्ष में आरबीएसए के तहत चली गाड़ियों की स्थिति व पेमेंट के बारे में जानकारी तलब की.