बलिया। जैव उर्जा नीति के प्रभारी क्रियान्वयन के लिए विकास भवन सभागार में जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस की अध्यक्षता में जनपद स्तरीय जैव उर्जा समिति की बैठक हुई. डीएम ने जैव उर्जा के स्रोतों व उसके लाभ को बताए. साथ ही इसके ज्यादा से ज्यादा प्रयोग के लिए किसानों को प्रेरित करने की जरूरत पर बल दिया.
जिलाधिकारी ने सभी बीडीओ को निर्देश दिया कि आई-स्पर्श स्मार्ट विलेज योजना में चयनित ग्रामों में बोर्ड के कार्यक्रमों को संचालित कराएं. साथ ही जैव उर्जा बोर्ड की परियोजनाओं के कलस्टर एप्रोच आधार पर जनपद में प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएं. बैठक में जैव उर्जा नीति के बारे में बताया गया कि बाढ़ प्रभावित या जल प्लावित क्षेत्रों में जहां परम्परागत कृषि विभिन्न जलवायु कारणों या नीलगाय के प्रकोप से नुकसान लायक हो चुकी है, ऐसे क्षेत्रों में सगंध जैसे लेमनग्रास, पामारोजा, सेट्रोनेला, रोजमेरी आदि के विभिन्न बॉयोमॉस उत्पादन पर प्रकाश डाला गया. फसल की कटाई हार्वेस्टर के कटने के बाद बचे अपशिस्ट के उपयोग के बारे में बताया गया. बैठक में राज्य समन्वयक एवं उप्र राज्य जैव उर्जा विकास बोर्ड के सदस्य पीएस ओझा, सीडीओ संतोष कुमार, डीपीआरओ राकेश यादव सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.