गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोष, गुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मैटैं न दोष

सिकन्दरपुर (बलिया)। महाशक्ति पीठ श्री बनखंडी नाथ मठ के अध्यक्ष स्वामी ईश्वरदास ब्रहमचारी ने कहा कि क्षर से परे व अक्षर से जो स्थान न्यारा लगता है, हम सभी को उसी का चिंतन मनन करना चाहिए, जो स्वयं जैसा बनाने में सक्षम हो. वह क्षेत्र की डूंहा मठ के प्रांगण में चल रहे अवैध शिव शक्ति महा यज्ञ के तहत भक्तों के बीच प्रवचन कर रहे थे.

कथा वाचिका कंचन चौबे ने गुरुदेव को स्वयं यज्ञशाला बताया. जिसमें अनेकानेक जीवधारी गुरुदेव के वाणी को ग्रहण कर सद्गुणों का विकास करते हैं. इसी क्रम में मौनी बाबा ने कहा कि यदि संपूर्ण सृष्टि में खोजा जाए तो भी सद्गुरु की प्राप्ति नहीं हो सकता, जब तक कि परब्रम्हा की कृपा नहीं होगी. उनकी कृपा प्राप्ति के लिए हमें सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य आसन आदि नियमों का पालन करते हुए जीवन में आगे बढ़ना चाहिए. इस मौके पर भागवत सिंह, अनिल सिंह, डब्ल्यू सिंह, अमर सिंह, रजत मिश्रा के प्रमुख लोग मौजूद थे.

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