बांसडीह में बिसात बिछते ही शुरू हो चुका है शह-मात का खेल

रेवती (बलिया) से पुष्पेंद्र कुमार तिवारी 

सूबे के चुनावी महासंग्राम में बांसडीह विधान सभा क्षेत्र के पार्टियों तथा उम्मीदवारों के बनते-बिगड़ते समीकरण के बीच करीब-करीब अब उम्मीदवारों की स्थिति स्पष्ट हो चुकी है. कुछ उम्मीदवार जो पहले अपनी अपनी पार्टियों का झंडा बैनर ले चुनाव लड़ने की कसरत कर रहे थे, पार्टी द्वारा टिकट नहीं मिलने से अब वे प्रत्याशी ही निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं. वही कुछ उम्मीदवार क्षेत्रीय पार्टियों की तरफ से दावेदारी कर रहे हैं.

सपा- कांग्रेस गठबंधन से कैबिनेट मंत्री तथा क्षेत्रीय विधायक रामगोविंद चौधरी, भाजपा-भासपा गठबंधन से अरविंद राजभर बसपा से पूर्व विधायक शिव शंकर चौहान चुनाव मैदान में है. क्षेत्र में सपा का झंडा बुलंद करने वाले नीरज सिंह गुड्डू को सपा द्वारा टिकट काट दिए जाने के बाद पार्टी की नीतियों से क्षुब्ध हो उन्होंने निर्दल चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. इसी बीच गुड्डू को लोकदल ने टिकट दे दिया. उधर गठबन्धन के बाद भाजपा ने भासपा को बांसडीह का सीट दे दिया. बदलते घटनाक्रम के पश्चात अन्ततोगत्वा 2012 की रनरअप रही तथा पूरे विधानसभा में भाजपा का चेहरा बन चुकी केतकी सिंह ने भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में डट गई हैं.

भासपा द्वारा टिकट की उम्मीद लगाये संजय सिंह को भी भासपा ने टिकट नहीं दिया, फिर क्या था संजय सिंह ने क्षेत्रीय पार्टी से चुनाव लड़ने का शंखनाद कर दिया है. सभी उम्मीदवार एक दूसरे को पछाड़ने की जुगत में जुट गये हैं. बुद्धिजीवियों की माने तो इस बार हार-जीत मामूली अंतर से होगा. यही नहीं यहां त्रिकोणीय या फिर चतुष्कोणीय मुकाबले के आसार नजर आ रहे है. बहरहाल जो भी होगा, कहना जल्दबाजी होगी. क्योंकि भई यह राजनीति है.

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