रेवती (बलिया)। चांदपुर को बिहार और नेपाल से जोड़ने वाले पुल और संपर्क मार्ग का भूमि पूजन शुक्रवार को प्रदेश के कैबिनेट मंत्री राम गोविन्द चौधरी ने वैदिक मंत्रोंच्चार के बीच किया. मालूम हो कि घाघरा नदी पर बनने वाले इस पुल के निर्माण के लिए प्रदेश सरकार एक सौ छिहत्तर करोड़ के बजट की मंजूरी दी है.
इस मौके पर आयोजित भूमि पूजन समारोह को सम्बोधित करते हुए श्री चौधरी ने कहा कि राजनीति सेवक बन कर करना चाहिए. जनप्रतिनिधि का काम है कि जनता को जिस चीज की दरकार हो, वह उसे पूरा करे. कहा कि 27 करोड़ की लागत से पंचायत अधिकारियों एवं ग्राम प्रधानों के लिए ट्रेनिंग सेण्टर की स्वीकृति मिल चुकी है. 27 करोड़ की लागत से आश्रम पद्धति विद्यालय की भी स्वीकृति मिली है, जमीन की आवश्यकता है. विपक्ष के दिग्गज नेताओं का भी मानना है कि सूबे के मुखिया अखिलेश यादव का काम अच्छा है. सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि बलिया जनपद पर विषेश ध्यान देते हुए एशिया का सबसे लम्बा पुल श्रीरामपुर में, चांदपुर का पुल जिसका भूमि पूजन हुआ, बिहार से लेकर नेपाल तक को जोड़ेगा. मुख्यमंत्री से हमने कहा है कि चूंकि मैं खुद दियरा का निवासी हूं इसलिए उनके दुख दर्द से वाकिफ हूं. इसलिए दियरा में पॉलिक्टेक्निक कॉलेज, आईटीआई कॉलेज, सड़क आदि सुविधाओं से जोड़ा गया. प्रदेश में जितना विकास कार्य इस सरकार ने किया, किसी ने नहीं किया.
सभा को नगर पंचायत रेवती अध्यक्ष प्रतिनिधि अजय शंकर पाण्डेय “कनक”, राणा सिंह, हरेन्द्र सिंह, कान्ह जी पाण्डेय, राणा प्रताप सिंह, श्याम बहादुर, श्रीनिवास मिश्र, कादिर शाह, मदन यादव, बिहारी पाण्डेय, राम जी सिंह, अजय सिंह, डॉ.एसबी यादव, जगदेव यादव, रूदल यादव, राम जी यादव, सुशील सिंह, उमेश यादव, मुनीब यादव आदि ने सम्बोधित किया. आयोजक लल्लन यादव “बैशाखी” ने आभार जताया.
समारोह के दौरान जब मंत्री श्री चौधरी संबोधित कर रहे थे तथा पंचायत कर्मियों व ग्राम प्रधानों के लिए स्वीकृत ट्रेनिंग सेण्टर एवं आश्रम पद्धति विद्यालय के लिए जमीन की मांग किए, तब तत्काल डूहींजान के प्रधान मोतीलाल यादव ने जमीन देने की घोषणा कर दी. सेतु निगम के सहायक अभियन्ता जीके मित्तल ने बताया कि एक सौ सत्रह करोड़ की लागत से प्रस्तावित पुल व 58 लाख की लाख से बनने वाले एप्रोच मार्ग के लिए शासन द्वारा 30 लाख अवमुक्त हो चुका है. इस मौके पर जेई आरएन सिंह, सुरेश चौहान, रोहित अग्रवाल रहे.