बिल्थरारोड – वे चुनावी वादे जो भूला दिए गए

बिल्थरारोड (बलिया) से अभयेश मिश्र

चुनाव से पहले जनता को क्षेत्र के सर्वागीण विकास,  जिला बनाने, सीओ कार्यालय की स्थापना कराने, नगर पंचायत बनाने और बाढ़ से क्षेत्र को निजात दिलाने की बात करने वाले प्रत्याशियों के मुददे चुनाव के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं

विधायक गोरख पासवान ने वर्ष 2012 के चुनाव से पहले बिल्थरारोड को जिला बनवाने, भीमपुरा ब्लाक बनाने व क्षेत्र को बाढ़ से निजात दिलाने का जनता से वादा किया था. वर्ष 2017 के चुनाव से चन्द दिन पूर्व में सपा सरकार द्वारा भीमपुरा को ब्लाक बनाने की संस्तुति तो कर दी गयी, परन्तु बिल्थरारोड को जिला बनाने की बात अधूरी ही रह गई. क्षेत्र के टगुनिया, चैनपुर, गुलौरा, खैरा, तुर्तीपार, बेल्थराबाज़ार, सहिया, हल्दीरामपुर आदि  बाढ़ग्रस्त गांवों के लोगों के प्रति हमदर्दी जनप्रतिनिधियो का केवल चुनाव में होता है, परन्तु जीतने के बाद ये मुद्दे गौण हो जाते हैं.

वही पूर्व रेलमंत्री लालू यादव द्वारा अपने कार्यकाल में बिल्थरारोड से सिकंदरपुर होते हुए सुरेमनपुर तक रेलवे लाइन बनाने की संस्तुति की गयी थी. परन्तु आज तक जनप्रतिनिधियों द्वारा कोई पहल न करने के कारण यह भी मामला ठन्डे बस्ते में पड़ा हुआ है. केन्द्र में भाजपा की सरकार है, परन्तु बीजेपी के प्रत्याशी भी इस मुददे पर अपनी कोई बात नहीं करते है. इसके चलते यह मुद्दा भी गौण हो गया है.

जिला मुख्यालय से बिल्थरारोड की दूरी 60 किलोमीटर है. इसके चलते यहां के लोगों को किसी कार्य के लिए मुख्यालय पर आने जाने के लिए भारी दुश्वारियो का सामना करना पड़ता है. इसके बावजूद जनप्रतिनिधियों द्वारा बिल्थरारोड को जिला बनाने के प्रति सार्थक पहल न होने से यह मामला भी ठंडा पड़ गया है.

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