बांसडीह का हर कार्यकता मेरे परिवार जैसा – केतकी सिंह

सुखपुरा (बलिया)। भारतीय जनता पार्टी मे बगावत का सिलसिला जारी है. वाराणसी का आंच अभी धीमी नही हुई कि बांसडीह की पूर्व विधानसभा प्रत्याशी केतकी सिंह ने भी पार्टी से बगावत कर निर्दल चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. बताते चले कि पिछले चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप मे केतकी सिंह ने दूसरा स्थान प्राप्त किया. वहां राम गोविंद चौधरी ने जीत दर्ज की थी. वहीं दिग्गज नेता बच्चा पाठक व शिवशंकर चौहान समेत आधा दर्जन मजबूत लोगों को केतकी ने शिकस्त देकर अपनी मजबूती साबित की थी.

लगातार पांच वर्षों तक लोगों के बीच रहते हुए बांसडीह में भाजपा को काफी मजबूत भी किया. पार्टी के सूत्र बताते हैं कि सभी सर्वे में केतकी सिंह की जीत सुनिश्चित मानी जा रही थी. पार्टी ने उन्हें गोरक्ष प्रान्त का उपाध्यक्ष भी बनाया. प्रदेश के हर कार्यक्रम में केतकी सिंह ने बढ़ चढ़ कर हिस्सेदारी भी की. सब कुछ ठीक ठाक रहा, लेकिन अचानक केतकी सिंह पर गठबंधन रूपी ग्रहण लग गया. भाजपा को यह सीट भासपा को देनी पड़ी. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व यह चाहता था कि केतकी सिंह किसी दूसरे विधानसभा सीट से लड़ लें, लेकिन उन्होंने दूसरी जगह जाने की बजाय बांसडीह से निर्दल चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी. मंगलवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि बांसडीह का हर कार्यकता मेरे परिवार जैसा हैं.

मैं परिवार छोड़ कर नहीं जा सकती. पार्टी ने मुझे मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया है. गठबंधन होना चाहिए, इससे मैं इनकार नहीं कर सकती, लेकिन इतना झुकना पार्टी के लिए ठीक नहीं था. फिर सर्वे कराने का किया मतलब. भाजपा व अन्य दलों में क्या अन्तर रह गया है. जिसमें कार्यकर्ताओं का यह हाल है. – केतकी सिंह, बांसडीह

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