

बलिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बलिया सहित रसड़ा व मऊ के विभाग संघचालक, नागाजी सरस्वती विद्या मंदिर अखनपुरा रसड़ा के संस्थापक सदस्य डा. आत्मानंद सिंह (82 वर्ष) का निधन सोमवार की रात वाराणसी के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हो गया. उनके निधन की खबर से जहां राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सदस्यों में शोक की लहर दौड़ गई, वहीं नागाजी सरस्वती विद्यामंदिर अखनपुरा रसड़ा को मंगलवार को बंद कर दिया गया.
मर्यादा पुरुषोत्तम पीजी कालेज भुड़ुसरी रतनपुर (मऊ) में प्रोफेसर रहे आत्मानंद सिंह आजीवन समाज सेवा के साथ आरएसएस के कई पदों पर आसीन रहे. जिला समरसता प्रमुख श्याम कृष्ण गोयल के नेतृत्व में एक शोक सभा हुई. रसड़ा क्षेत्र के ग्राम सभा चितामणिपुर निवासी आत्मानंद सिंह के निधन पर हुई शोकसभा में ब्रजभूषण चौबे, संजय यादव, सतवीर सिंह, मन्टू, मुन्ना सिंह आदि थे. उधर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर जगदीशपुर में आत्मानंद सिंह के निधन पर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किया गया. वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला. गड़वार खंड के श्री राम प्रभात शाखा पर शोक सभा आयोजित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. सभा में खंड कार्यवाहक मनोज मिश्र, मोहन लाल, धनंजय सिंह, संजय गुप्त, लाल चंद वर्मा, पीयूष श्रीवास्तव, अंजनी गुप्त आदि ने श्रद्धांजलि दी.
इसी क्रम में नागाजी सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, माल्देपुर, बलिया में भी एक शोक सभा हुई. इस शोक सभा में प्रबंध समिति के पदाधिकारी, सदस्यगण, विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविन्द सिंह चौहान, आचार्य परिवार एवं कर्मचारी परिवार सहित विद्यालय के छात्र उपस्थित रहे. वक्ताओं ने एक स्वर में स्व0 सिंह के राष्ट्र एवं समाज के प्रति किये गये कार्यो को और योगदान की भूरी-भूरी सराहना करते हुए उन्हें राष्ट्रवाद की भावना का सच्चा समर्थक बताया. अपने सम्बोधन में वक्ताओं ने उनको समाजिक समरसता का संवाहक, प्रखर वक्ता, विद्वान और सहृदय व्यक्त्तिव का स्वामी बताया. साथ ही यह भी उल्लेख किया गया आत्मा सिंह जी के निधन से समाज व राष्ट्र को अपूर्णीय क्षति हुयी है. शोक सभा के अन्त में दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत की आत्मा की शांति के लिये ईश्वर से प्रार्थना और शोकाकुल परिवार को संबल प्रदान करने की कामना की गयी.
