इलाहाबाद। तीर्थराज प्रयाग में संगम की रेती पर तंबुओं की नगरी लगभग आबाद हो गई है. त्रिवेणी तट पर कल्पवासियों सहित संतों की आमद दिन रात हो रही है तो शिविरों के साथ पूरे 1432 बीघे का क्षेत्रफल रोशनी से जगमग हो उठा है. तीर्थ राज प्रयाग में मोक्ष प्राप्ति के लिए त्याग तपस्या का प्रतीक कल्पवास पौष पुर्णिमा स्नान के साथ गुरुवार से आरंभ हो जायेगा.
आध्यात्मिक समागम के लिए श्रद्धालुओं का संगम की रेती पर पहुंचने का क्रम जारी है. माघ मेला में दंडी स्वामी नगर, खाक चौक, आचार्य बाडा, काली सडक, अक्षयवट मार्ग, त्रिवेणी मार्ग शिविरों और वहां रहने वालों से लगभग आबाद हो चुके हैं. पांच सेक्टर में बंटे मेला क्षेत्र में प्रवचन सहित भजन कीर्तन व भंडारे की बयार ही बहने की देर भर है. सुविधाओं के लिए प्रशासनिक तैयारी अंतिम दौर में है. पौष पूर्णिमा पर 12 जनवरी को संगम में डुबकी लगेगी और एक माह के अखंड व्रत ‘कल्पवास का शुभारंभ हो जाएगा. 17 स्नान घाट, पांच पीपापुल के साथ सौ किलोमीटर की चकर्ड प्लेट बिछाई गई है. सुरक्षा व सेहत को लेकर भी खासी तैयारी की गई है. मेला क्षेत्र में 12 थाने व 34 पुलिस चौकी बनाई गई है. 20-20 बेड के दो अस्पताल एवं 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं.